सामना संवाददाता / नई दिल्ली
बांग्लादेश में तख्तापलट के बीच हिंदुओं और सिखों के धार्मिक स्थलों और लोगों को टारगेट किया जा रहा है। बांग्लादेश में हिंसा की आग इस कदर बढ़ गई है कि अब वह हिंदुओं के घरों तक जा पहुंची है। अब हिंदू परिवारों, हिंदू मंदिरों को कट्टरपंथियों ने निशाना बनाना शुरू कर दिया है। बांग्लादेश इस्लामवादियों ने इस्कॉन सहित कई मंदिरों के बाद अब हिंदू परिवारों के घरों पर भी हमला शुरू कर दिया है। घर की महिलाओं के साथ अभद्रता करने के साथ उनका अपहरण करने के भी मामले सामने आए हैं। सोशल मीडिया पर हिंदुओं के घरों पर हमले और महिलाओं के साथ अभद्रता के कई वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन के नाम पर हर तरफ अराजकता फैल गई है। पुलिस और सेना भी इस अराजकता को रोक नहीं पा रही है। जानकारों की मानें तो मुस्लिम राष्ट्रों में काफी समय से हिंदुओं को भेदभाव और उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है।
बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना ने विरोध के चलते पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। देश के नेतृत्वविहीन होने का लाभ इस्लामी कट्टरपंथियों ने उठाया है। इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिंदू समुदाय के खिलाफ आतंक और हिंसा फैलाने के लिए राजनीतिक उठा-पटक का फायदा उठाया है। कहीं मंदिरों में तोड़फोड़ की जा रही है तो कहीं हिंदुओं के घरों को जलाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों के सामने पुलिस भी बेबस लग रही है। सेना और पुलिस के जवानों के बाद भी प्रदर्शनकारी खुलेआम तोड़-फोड़ और घरों में लूटपाट कर रहे हैं। यहां तक कि पुलिस पर भी पथराव कर रहे हैं।
‘…तो भारत कभी महा-भारत नहीं बन सकता’
बांग्लादेश में अब कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं को भी निशाना बनाया जा रहा है, जिसे लेकर भारत को सतर्क होने की जरूरत है। अब `ईशा’ फाउंडेशन के आध्यात्मिक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने केंद्र सरकार को तत्काल इस संदर्भ में कदम उठाने की मांग की है। सद्गुरु ने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार सिर्फ बांग्लादेश का आंतरिक मामला नहीं है। अगर हम अपने पड़ोस में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द खड़े होकर कार्रवाई नहीं करेंगे तो भारत महा-भारत नहीं बन सकता।
जान बचाने के लिए चौथी मंजिल से कूदे दो भारतीय युवक
बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच वहां के जसोर इलाके में स्थित एक होटल में आग लगा दी गई। वहां ठहरे दो भारतीय युवक जान बचाने के लिए चौथे माले से कूद गए। बुरी तरह घायल अवस्था में उन्हें इलाज के लिए एंबुलेंस से पेट्रापोल सीमा पार करके बंगाल लाया गया है। उन्हें कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। घायलों के नाम रबिउल इस्लाम व शहीद अली हैं। दोनों भाई हैं और असम के रहने वाले हैं।