मुख्यपृष्ठस्तंभराजस्थान का रण : ७३ साल के हुए अशोक गहलोत

राजस्थान का रण : ७३ साल के हुए अशोक गहलोत

गजेंद्र भंडारी

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को ७३वां जन्मदिवस मनाया। राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले इस कुशल राजनेता को प्रदेश की जनता ने तीन बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया। साथ ही केंद्र सरकार में कपड़ा मंत्री रहे। कांग्रेस पार्टी में कई पदों पर रहते हुए ४३ सालों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, जबकि गहलोत ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एनएसयूआई सदस्य के तौर पर की थी। गहलोत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। गहलोत राजस्थान के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। जोधपुर में स्व. लक्ष्‍मण सिंह गहलोत के घर ३ मई १९५१ को जन्‍मे अशोक गहलोत ने विज्ञान और कानून में स्‍नातक डिग्री प्राप्‍त की और अर्थशास्‍त्र विषय लेकर एमए डिग्री प्राप्‍त की। गहलोत का विवाह २७ नवंबर १९७७ को सुनीता गहलोत के साथ हुआ। सियासी जानकारों का मानना है कि सीएम गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद मुख्यमंत्री रहने के चलते छोड़ दिया था। अगर गहलोत आलाकमान के प्रस्ताव को हां कहते तो मुख्यमंत्री पद सचिन पायलट को दिया जाता, जबकि गहलोत वैंâप ऐसा नहीं चाहता था।

चारों तरफ से घिरा चुनाव आयोग
दो चरण का वोट प्रतिशत देर जारी करने के मामले में चुनाव आयोग की खूब खिंचाई हो रही है। ‘हॉट सीट’ नागौर से प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल ने चुनाव आयोग को इंगित करते हुए कहा कि लोकसभा के पहले चरण का मतदान १९ अप्रैल को और दूसरे चरण का मतदान २६ अप्रैल को हुआ। नियमों के मुताबिक, चुनाव आयोग को मतदान के २४ से ४८ घंटों के भीतर मतदान के अंतिम आंकड़े पेश कर दिए जाने थे। लेकिन ये अंतिम आंकड़े पहले चरण के ११ दिनों बाद और दूसरे चरण के ४ दिन बाद पेश किए गए। ऐसा क्यों? हनुमान बेनीवाल ने चुनाव आयोग द्वारा मतदान का प्रतिशत जारी करने की प्रक्रिया पर एक और सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने वोटों की वास्तविक संख्या नहीं बताई है, जो आयोग पर बड़ा सवालिया निशान है। बेनीवाल ने आयोग की कार्यशैली पर एक और आरोप जड़ा। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से जारी हुए आंकड़ों को गौर से देखें तो इसके अंतिम और अंतरिम आंकड़ों में काफी ज्यादा अंतर नजर आता है। उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा-ऐसा क्यों?

सीएम शर्मा की कुर्सी पर संकट?
राजस्थान में लोकसभा चुनाव के मतदान संपन्न होने के बाद अब सभी उम्मीदवारों को रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है। इससे भी ज्यादा राजस्थान के वैâबिनेट मंत्रियों को अपने-अपने क्षेत्र के लोकसभा सीट पर रिजल्ट का इंतजार बना हुआ है। इसका सीधा कारण मंत्रिमंडल की तस्वीर बदलने से लेकर जोड़ा जा रहा है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राजस्थान के मंत्रिमंडल की तस्वीर बदल सकती है। सीएम भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल का नए सिरे से गठन भी किया जा सकता है। कई दिग्गज मंत्रियों के पद छिन सकते हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान शर्मा का कई जगह भारी विरोध हुआ था। वह अपनी रैलियों में भीड़ भी नहीं जुटा सके। ऐसा भी देखने में आया, जब उसकी रैली से लोग उठकर भाग गए। ऐसे में, यह भी माना जा रहा है कि अगर मंत्रिमंडल में बदलाव हुआ तो सीएम शर्मा की कुर्सी भी खतरे में पड़ सकती है।

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