मुख्यपृष्ठस्तंभराजस्थान का रण : राजस्थान में भाजपा को नुकसान

राजस्थान का रण : राजस्थान में भाजपा को नुकसान

गजेंद्र भंडारी

पिछले कुछ महीनों में ऐसी घटनाएं हुई हैं कि माहौल बदल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल हो चुकी है। सही टिकट वितरण नहीं हुआ। इसके अलावा भीतरघात, विपक्ष का एकजुट होकर लड़ना, महंगाई-बेरोजगारी मुद्दे का हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पर हावी होना, ये कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जो भाजपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। दूसरी तरफ राजस्थान के राजपूत भाजपा से बहुत नाराज हैं, क्योंकि भाजपा नेता ने राजपूतों के बारे में गलत बयानबाजी की और भाजपा आलाकमान ने कोई एक्शन नहीं लिया। इसके बाद करणी सेना के अध्यक्ष के साथ गुजरात पुलिस ने जो किया, उसे राजपूत भूल नहीं पा रहे हैं। देशभर के राजपूत इस मुद्दे पर एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ खड़े हो गए हैं और भी कई पैâक्टर्स हैं। कहा जा रहा है कि राजस्थान में भाजपा ने अपना नुकसान खुद ही किया है, इसके लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है। इसी का फायदा कांग्रेस ने उठाया है। अब देखते हैं कि ४ जून को किसे कितना नुकसान और किसे कितना फायदा होता है?
ये घबराहट है या फिर बौखलाहट?
राजस्थान की सभी २५ सीटों पर मतदान हो चुका है और सभी उम्मीदवारों का भाग्य मतपेटी में बंद है। अब यह चिराग ४ जून को खुलेगा और तभी पता चलेगा कि किसे हार मिलेगी और किसे जीत? तब तक पक्ष और विपक्ष दोनों खेमों में घबराहट देखी जा रही है। सबसे ज्यादा घबराहट भाजपा में दिख रही है। इस बार राजस्थान में साइलेंट वोटिंग हुई है इसलिए कहा जा रहा है कि यह सत्ता पक्ष के लिए ठीक नहीं है। अब तक जो सर्वे सामने आ रहे हैं, उनमें करीब १२ सीट पर भाजपा को नुकसान बताया जा रहा है। यही वजह है कि भाजपा खेमे में घबराहट ज्यादा है। अब यही घबराहट बौखलाहट में बदलती जा रही है और भाजपा के नेता अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं। राजस्थान में ही कई नेता उल्टे-सीधे बयान दे चुके हैं। यही नहीं, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर धर्म के नाम पर वोट मांगने के आरोप लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा के पास वोट मांगने का कोई आधार नहीं रह गया है, इसलिए धर्म की राजनीति कर रही है। मोदी के खिलाफ चुनाव आयोग के पास १८,००० से ज्यादा शिकायतें पहुंच चुकी हैं।
अब राज्य के बाहर प्रचार करेंगे नेता
राजस्थान में चुनाव खत्म हो चुके हैं और अब रिजल्ट का इंतजार किया जा रहा है। ऐसे में, यहां की सभी पार्टियों के नेता खाली हैं। अब इन नेताओं को दूसरे राज्यों के चुनाव प्रचार में लगा दिया गया है। कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने राजस्थान में युवाओं के बीच खूब काम किया है और इसका असर भी देखने को मिल रहा है। अब वे उन राज्यों में जाकर कांग्रेस के उम्मीदवार के वोट मांगेंगे, जहां अभी चुनाव खत्म नहीं हुए हैं। पायलट सहित और भी दूसरे नेता हैं, जो प्रचार में उतरने वाले हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी दूसरे राज्यों में जाकर प्रचार करने वाले हैं। इसके अलावा भाजपा के नेता भी इस लिस्ट में शामिल हैं। सभी नेता अपने-अपने उम्मीदवार के लिए वोट मांगने जाने वाले हैं। हालांकि, बहुत कम ऐसे नेता हैं, जिनको दूसरे राज्यों में भी पसंद किया जाता है। इस मामले में पायलट की लोकप्रियता थोड़ी ज्यादा है और उन्हें देश के लगभग हर राज्य के लोग पहचानते हैं। इसके अलावा पायलट युवाओं द्वारा खासे पसंद किए जाते हैं। राजस्थान में युवाओं को एकजुट करने में पायलट की अहम भूमिका रही है। उनकी वजह से महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर युवाओं ने बात की।

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