मुख्यपृष्ठस्तंभराजस्थान का रण : केजरीवाल की गिरफ्तारी का असर

राजस्थान का रण : केजरीवाल की गिरफ्तारी का असर

गजेंद्र भंडारी

भाजपा को लग रहा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से भ्रष्टाचार का दांव खेलकर `इंडिया’ गठबंधन को परास्त कर देगी, लेकिन अब भाजपा का दांव उसी पर उल्टा पड़ता नजर आ रहा है। मीडिया युवाओं से बात कर रहा है और युवाओं का कहना है कि केजरीवाल के साथ गलत हुआ है। कुछ युवा ट्रेन में सफर कर रहे थे, तभी वहां एक चैनल के पत्रकार ने पूछा कि चुनाव के बारे में क्या कहना है? युवा ने कहा कि विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। हर न्यूज चैनल पर सिर्फ एक ही पार्टी दिखती है। दूसरी पार्टियों को कहीं जगह ही नहीं दी जाती है। अखबारों में प्रâंट पेज पर सिर्फ एक ही पार्टी की खबरें होती हैं। दूसरी पार्टियों को भी अपनी बात कहने का, बोलने का मौका मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। साफ नजर आ रहा है कि यह डिक्टेटरशिप है। इस तरह की तानाशाही से देश नहीं चलता है। पूरा देश देख रहा है कि क्या चल रहा है। भाजपा को लगता है कि देश की जनता को कुछ पता नहीं, लेकिन देश की जनता अब सब जानती है, सब समझने लगी है। युवाओं की यह बात सुनकर लग रहा है कि अब लोग बदलाव के बारे में सोच रहे हैं और इस चुनाव में कुछ भी हो सकता है।
राजस्थान की १३ सीटों पर क्या होगा?
देश की ८८ सीटों के साथ ही राजस्थान में कल १३ सीटों पर २६ अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इसके लिए चुनाव प्रचार थम गया है। जिन १३ सीटों पर वोटिंग होगी, उनमें टोंक-सवाईमाधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारां शामिल हैं। भले ही राजनीतिक दलों के प्रत्याशी माइक और लाउडस्पीकर से चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे, लेकिन वे अपने कार्यकर्ताओं के साथ मतदाताओं के घर-घर जाकर दस्तक देकर उन्हें अपने पक्ष में मतदान करने की अपील भी कर सकते हैं। नियमानुसार उम्मीदवार, चुनाव एजेंट व कार्यकर्ताओं के लिए एक वाहन की अनुमति होगी, जिसमें ५ से अधिक व्यक्तियों के बैठने पर पाबंदी होगी। धारा १४४ लागू कर दी गई है और चुनाव क्षेत्र में बाहरियों का आना प्रतिबंधित है। पहले चरण की वोटिंग के बाद भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के दावे करती नजर आई। अब देखना यह होगा कि दूसरे चरण में मतदाता क्या निर्णय लेते हैं। पिछली बार ८ पोलिंग बूथ पर मतदाताओं ने बहिष्कार किया था। इस बार क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
भाजपा वाले संविधान बदलेंगे!
भाजपा के नेता लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। कुछ दिन पहले एक महिला विधायक ने कहा था कि भाजपा को ४०० पार सीटें इसलिए दीजिए, ताकि हम संविधान में बदलाव कर सकें। अब यही बात मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने दोहराई है। उन्होंने कहा कि मोदी को ४०० पार सीटों से जिताना इसलिए जरूरी है, ताकि संविधान बदला जा सके। किरोड़ीलाल का यह बयान तेजी से वायरल हो रहा है। ये वही किरोड़ीलाल हैं, जिनकी सभा में भीड़ तक नहीं आती है और कुर्सियां खाली पड़ी रहती हैं। हाल में एक सभा में ऐसा ही हुआ था, जिसके बाद वे सभा छोड़कर भाग गए। अब वे अपने बयान से एक बार फिर चर्चा में हैं। वैसे, एक तरफ अमित शाह कहते हैं कि संविधान कोई नहीं बदल सकता। यह अफवाह पैâलाई जा रही है कि भाजपा संविधान बदल देगी, दूसरी तरफ उनके नेता कुछ और ही बयानबाजी करते हैं। अब समझने वाली बात है कि क्या नेता खुद ऐसे बयान देते हैं या फिर उनसे ऐसे बयान दिलवाए जाते हैं।

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