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सतर्क रहें, सावधान रहें…नौकरी के लालच में जेब खाली…‘जॉब फिशिंग’ से कैसे बचें…

राज ईश्वरी

आज की तारीख में बेरोजगारी का यह आलम है कि स्वीपर व प्यून जैसी नौकरी के लिए ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट का हुजूम उमड़ पड़ता है। पढ़े-लिखे बेरोजगारों की फौज दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और इसी का फायदा साइबर क्रिमिनल्स भी उठा रहे हैं। ये साइबर क्रिमिनल्स इतनी बारीकी से अपने काम को अंजाम देते हैं कि आईटी एक्सपर्ट भी उनके झांसे में आ जाते हैं और अपनी जमा-पूंजी गवां बैठते हैं।
ये क्रिमिनल्स कई तरीकों से बेरोजगारों को फांसते हैं। शिकार चाहे अनपढ़ हो या खूब विद्वान, गरीब हो या अमीर ये किसी को नहीं बख्शते। आपको इसी देश में इतने सुनहरे सपने दिखाते हैं कि आप लुट बैठते हैं। इतना ही नहीं, ये लोग हिंदुस्थान से सुदूर-विदेशों में लाखों-करोड़ों की नौकरी और चकाचौंध भरी लाइफ-स्टाइल के मायाजाल में फंसाकर आपको साइबर स्लेव यानी साइबर गुलाम बनाकर जिंदगी नरक से बदतर बना देते हैं, जहां से निकलना बेहद मुश्किल होता है।
साइबर क्रिमिनल्स ईमेल स्पूफिंग यानी किसी बड़ी कंपनी के ईमेल से मिलते-जुलते फॉरमेट में ईमेल आईडी बनाते हैं। साइबर क्रिमिनल्स इम्प्लॉयमेंट डिटेल्स को सोशल मीडिया लिंक्डइन, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि से चुराते हैं। ये वहां से शिकार ढूंढते हैं, जिन्हें नौकरी की तलाश होती है। अब आपके पास बिल्कुल असली जैसी दिखनेवाले नकली ईमेल आईडी से जॉब ऑफर आता है। आप लिंक ओपन करते हैं तो हू-ब-हू कंपनी का लिंक प्रोफाइल खुलता है। आपका आन लाइन टेस्ट, इंटरव्यू भी होता है। आपके पास फेक ऑफर लेटर भी आता है। इस बीच आपकी कई निजी जानकारियां जैसे एड्रेस, पास्ट इम्प्लॉयमेंट, अकाउंट स्टेटमेंट आदि ले लिया जाता है। रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर कुछ रकम भी ऑनलाइन जमा कराए जाते हैं। उसके लिए जो लिंक दिया जाता है, वह मालवेयर लिंक होता है जो पेमेंट करते वक्त सारी बैंकिंग डिटेल्स और पासवर्ड कैप्चर कर लेता है। होता ये है कि नौकरी तो आपको नहीं मिलती, लेकिन आपका अकाउंट खाली हो जाता है और आप हाथ मलते रह जाते हैं।
क्या करें
-किसी भी ईमेल या मैसेज से आए अनजान लिंक पर क्लिक न करें। अपने यूजर आईडी और पासवर्ड से केवल अधिकृत वेबसाइट पर ही लॉग-इन करें।
-किसी अन्य सोर्स से आप दी गई कंपनी के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करें।
-अगर आप पर्सनली किसी संपर्क से वहां की वैकेंसी के बारे में पता लगा सकते हैं तो यह बेहतर ऑप्शन होगा।
-वेबसाइट एड्रेस से पहले चेक करें https:// nw, http:// नहीं।
-आपकी कुवत क्या है यह आपसे से बेहतर कोई नहीं जान सकता। अगर आपकी योग्यता से बहुत अधिक सैलरी ऑफर हो रही है तो बहुत संभव है कि ‘जॉब फिशिंग’ का शिकार बन रहे हैं!
-विदेशी नौकरी के लिए आपको ज्यादा सतर्क होना चाहिए, क्योंकि आजकल साइबर स्लेवरी का शिकार बननेवाले आईटी प्रोफेशनल्स की संख्या में इजाफा हो रहा है। क्या है साइबर स्लेवरी अगले अंक में…।

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