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सतर्क रहें, सावधान रहें : पैनिक नहीं प्रिकॉशन जरूरी है … एचएमपीवी वायरस कोरोना वायरस से खतरनाक है?

राज ईश्वरी

सिंप्टम्स यानी लक्षण बताएं?
एचएमपीवी के सिंप्टम्स आमतौर पर सर्दी जैसा है। इससे खांसी या गले में खराश घरघराहट हो सकती है। रनिंग नोज यानी नाक बह सकती है। मामला सर्दी का है तो ठंड के मौसम में ज्यादा जोखिम होता है। आसान शब्दों में कहें तो वायरस के सिंप्टम्स कोविड-१९ से मिलते जुलते हैं। संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार, सर्दी-खांसी, नाक बंद होना या नाक का बहना, गले में खराश होना, थकान और कमजोरी होना, सांस लेने में दिक्कत होना, सांस फूल जाना, छाती में दर्द होना, छाती में जकड़न होना, निमोनिया, ब्रोंकोलाइटिस जैसे सिंप्टम्स नजर आते हैं। यह मुख्य रूप से आपके श्वसन तंत्र को चपेट में लेता है। हां रैशेज भी कभी-कभार देखे जा सकते हैं। क्योंकि इससे हमारा गला प्रभावित होता है, जहां पर अन्न नली और श्वास नली हैं इसकी वजह से बच्चों को भोजन निगलने में परेशानी हो सकती है।
कौन सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं?
बच्चों और उम्र दराज (६५+) लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है इसलिए जल्दी प्रभावित होते हैं। ऐसे लोग जिन्हें अस्थमा या फेफड़ों से संबंधित या अन्य बीमारियां होती हैं वे इसकी चपेट में जल्दी आ जाते हैं।
यह कैसे फैलता है? और कितने दिन में पता चल जाता है कि आप संक्रमित है।
जैसे आमतौर पर सर्दी फैलती है… वायरस छींकने, खांसने और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलते हैं। संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, वायरस से संक्रमित किसी वस्तु को छूने से भी यह फैल सकता है। इनक्यूबेशन पीरियड ३ से ५ दिन का होता है। इसके लक्षण संक्रमित होने के बाद ३ से ५ दिनों में दिखने लगते हैं। इन्क्यूबेशन पीरियड मतलब आपके किसी संक्रामक बीमारी के संपर्क में आने के बाद आपमें बीमारी के लक्षण दिखने में लगने वाला समय।
तो क्या यह भी कोरोना की तरह तेजी से दुनिया भर में फैल जाएगा…?
मैं फिर कहता हूं कि इस तरह कहना जल्दबाजी होगी लेकिन प्रीवेंशन, प्रिकॉशन बहुत ही जरूरी है। आप इसे हल्के में नहीं ले सकते। अगर आप साधारण सर्दी को भी अनदेखा करेंगे तो उससे भी तकलीफ हो सकती है। हालांकि यह कोई नया वायरस नहीं है। ५० साल पुराने वायरस के तौर पर इसकी पहचान है।
प्रिवेंशन की बात कर रहे हैं कि इससे बचाव कैसे किया जा सकता है?
बिल्कुल आसान है, आप उन्हीं नियमों का पालन करें जिनका पालन अपने करोना के दौर में किया था। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का इस्तेमाल और साफ सफाई। हाथों को धोते रहें। ज्यादा भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें। सर्दी खांसी से अपना बचाव करें और खुद ही डॉक्टर न बनें।
इलाज… वैक्सीन…?
मेटान्यूमोवायरस एक नॉर्मल रेस्पिरेटरी वायरस है अभी तक कोई एंटीवायरल दवा नहीं बनी है। नहीं कोई वैक्सीन बनी है…इसका असर अधिकतर लोगों पर नॉर्मल होता है। सिंप्टोमेटिक ट्रीटमेंट…आपके लक्षणों के आधार पर डॉक्टर आपको दवाइयां देंगे। जिससे आसानी से जल्दी रिकवर हो सकते हैं। हां कुछ मामलों में सीरियस सिंप्टम्स नजर आते हैं तो अस्पताल जाने की जरूरत पड़ सकती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने चीन से रिपोर्ट मांगी है।
(डॉ. ए. एम. देशमुख- प्रेसिडेंट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसायटी, इंडिया, डॉ. राहुल पाहोट, चेस्ट फिजिशियन और डॉ. शैलेंद्र बनसोडे, जनरल फिजिशियन से बातचीत पर आधारित।)

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