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बली से पहले महात्मा फुले पुलिस ने बच्चे को छुड़ाया…रिक्शा चालक सहित दो गिरफ्तार

सामना संवाददाता / कल्याण

महात्मा फुले पुलिस ने एक उल्लेखनीय कार्रवाई में फुटपाथ पर अपनी मां के साथ सो रहे छह महीने के मासूम बच्चे का अपहरण करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर बच्चे को सुरक्षित बचा लिया है।
यह घटना कल्याण एसटी बस डिपो के पास की है, जहां आएशा समीर शेख अपने छह महीने के बच्चे अरबाज समीर शेख के साथ फुटपाथ पर सो रही थीं। रात के अंधेरे में कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने बच्चे का अपहरण कर लिया। सुबह जागने पर बच्चे को गायब पाकर घबराई मां आएशा ने महात्मा फुले पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत मिलने पर वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शैलेश सालवे ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल तीन विशेष टीमों का गठन किया। पुलिस ने क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने उल्हासनगर कैंप नंबर दो स्थित झुलेलाल मंदिर के पास रहने वाले रिक्शा चालक दिनेश भैया लाल सरोज (35) और दर्जी अंकित कुमार प्रजापति (25) को हिरासत में लिया।
कड़ी पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने उनके पास से बच्चे को सही-सलामत छुड़ाया और उसे उसकी मां को सौंप दिया। इस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से शहर में पुलिस की सराहना हो रही है। अपना बच्चा वापस पाकर आएशा ने पुलिस का धन्यवाद किया और कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे मेरा बच्चा इतनी जल्दी वापस मिल जाएगा। मैं पुलिस की आभारी हूं।”
पुलिस के अनुसार, अपहरणकर्ता दिनेश सरोज ने चार बच्चों का बाप होते हुए भी जादू-टोना के इरादे से इस अपहरण को अंजाम दिया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि दिनेश और अंकित ने किसी तांत्रिक अनुष्ठान के लिए मासूम बच्चे को चुराया था। उनका मानना था कि बच्चे का बलिदान से उन्हें अलौकिक शक्तियां प्रप्त होगी।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सूझ-बूझ से किसी भी संकट का समाधान संभव है। महात्मा फुले पुलिस की यह सफलता न केवल उनके कार्यकुशलता का प्रमाण है, बल्कि आम जनता के मन में सुरक्षा का विश्वास भी बढ़ाती है। इस मामले ने जादू-टोने के अंधविश्वास और उसके खतरों पर भी ध्यान आकर्षित किया है, जो समाज में अभी भी व्याप्त है।

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