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गरीबी रेखा से नीचे और एक नई गरीबी रेखा …साल में सिर्फ रु. २ कमाता है एमपी का एक परिवार!

सामना संवाददाता / बंडा
वैसे तो केंद्र की सरकार का कहना है कि देश में ८० करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन मुहैया करा रही है। यानी ये सब लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं लेकिन गरीबी रेखा से नीचे और एक नई गरीबी रेखा सागर जिले की बंडा तहसील से सामने आई है। यहां जब एक परिवार को आय प्रमाण-पत्र जारी हुआ तो उनके होश उड़ गए। पीड़ित परिवार ने बताया कि वे गरीब जरूर हैं, पर प्रशासन की गलती ने उन्हें महागरीब बता दिया। दरसअल, ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि इस प्रमाण-पत्र के साथ ये परिवार खुद कह रहा है, जिनकी सालाना आय दो रुपए दिखाई गई है। आरोप है कि तहसीलदार की गलती से इस पूरे परिवार की आय ` २ सालाना दिख रही है। बंडा तहसील के घोघरा गांव के १२वीं कक्षा के छात्र ने छात्रवृत्ति के लिए आय प्रमाण-पत्र हेतु आवेदन किया था। आवेदन अनुसार, तहसील कार्यालय से जनवरी में उसे ये आय प्रमाण-पत्र परिवार की आय के रूप में जारी किया गया। २ रुपए सालाना आय वाला ये प्रमाण पत्र बाकायदा तहसीलदार के हस्ताक्षर के बाद जारी हुआ है। प्रमाण-पत्र पर जनवरी २०२४ में बनाया गया है। माना जा रहा है कि इसमें मानवीय त्रुटि हुई है।

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