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बेस्ट का `वेस्ट’ प्रबंधन … मुसीबत झेल रहे परीक्षार्थी!

•  परीक्षा सेंटर तक पहुंचने में हो रही है देरी
•  ४०० सीएनजी बसें बंद करने का छात्र भुगत रहे हैंै दुष्परिणाम
सामना संवाददाता / मुंबई
महानगर में परिवहन की सुविधा प्रदान करनेवाली बेस्ट (बीईएसटी) ने २२ फरवरी को आग लगने की तीसरी घटना के बाद ४०० से अधिक बसों को सड़कों से हटा दिया है। बेस्ट के इस वेस्ट प्रबंधन से रास्तों पर बस की कमी से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर इन दिनों बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हैं। ऐसे में बसों की कमी की वजह से १२वीं बोर्ड के परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। कई बच्चे परीक्षा में विलंब से पहुंच रहे हैं। कहीं बसों की फेरी कम है तो कहीं घंटों देरी से बसें चल रही हैं। कुछ ठिकानों पर भारी भीड़ के चलते बसें रुक तक नहीं रही हैं। ऐसी तमाम शिकायतें लगातार मिल रही हैं।
रास्तों से हटाई गई ४०० टाटा बसों की जांच उक्त कंपनी के इंजीनियर द्वारा की जा रही है। लेकिन इन बसों की कमी से उपजी समस्या के चलते मुंबईकरों की हालत खराब हो रही है। इस दौरान बोर्ड की परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बसों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। कई बार बसों में इतनी भीड़ होती है कि उसमें घुसना छात्रों के लिए मुश्किल होता है। साथ ही कई बार टैक्सी और ऑटो वाले परीक्षा सेंटर तक जाने से साफ मना कर देते हैं। ऐसे में अक्सर बच्चों के माता-पिता के साथ यह बहस की वजह बन रहा है। इस बारे में एक विद्यार्थी ने बताया कि शुरुआती परीक्षा के दिन बस समय से मिल जाया करती थी। लेकिन कुछ दिनों से बस के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। अगर बसें आती भी हैं तो वो पहले से ही भरी होती हैं, ऐसे में हमें चढ़ने का मौका नहीं मिलता है।
आग की घटनाओं के बाद सड़क से उतारी गर्इं बसें
दरअसल, बसों में बढ़ी आग की घटनाओं की वजह से मातेश्वरी लिमिटेड द्वारा संचालित टाटा सीएनजी की सभी ४०० बसों को सड़कों से हटाने का पैâसला किया गया। ये बसें तब तक रास्तों पर वापस नहीं आएंगी, जब तक कि ऑपरेटर बसों में आग लगने की वजह की पूरी तरह जांच नहीं कर लेते।
मैं १२वीं के बोर्ड की परीक्षा देने के लिए पोइसर से गोरेगांव जाती हूं। बीते कुछ दिनों से बसों के समय से नहीं मिलने की समस्या बहुत ज्यादा हो रही है। परीक्षा के बाद भी सेंटर से घर आने के लिए लंबे समय तक बस का इंतजार करना पड़ रहा है।
-निधि ठाकुर, १२वीं की छात्रा

परीक्षा सेंटर तक जाने के लिए बस का इस्तेमाल पहले परीक्षा वाले दिन से कर रहा हूूं। लेकिन मुझे हर दिन बसों में भीड़ की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। परीक्षा के दिन आधे घंटे से ज्यादा बस का इंतजार करने के बाद भी बस नहीं मिलने के कारण ऑटोरिक्शा से परीक्षा केंद्र तक जाना पड़ा। अगर उस दिन मेरे पास ऑटोरिक्शे का किराया देने के लिए पैसा नहीं होता तो मेरी परीक्षा छूट जाती।
-आशीष झा, १२वीं का छात्र

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