मुख्यपृष्ठटॉप समाचारभागवत पाठ! राजा की चूक का फल चुनावों में मिलता है!

भागवत पाठ! राजा की चूक का फल चुनावों में मिलता है!

सामना संवाददाता / वाराणसी
हमारा समाज प्रकृति और परंपरा के संदर्भ में राजा पर निर्भर नहीं रहता। समाज और लोग ये अपना कार्य करते रहते हैं, लेकिन राजा को देश चलाना होता है। राजा अगर चूक गया तो उसकी चूक का फल चुनाव में मिलता है, ऐसी सांकेतिक चेतावनी सरसंघचालक मोहन भागवत ने दी।
अंतर्राष्ट्रीय मंदिर अधिवेशन एवं एक्सपो के उद्घाटन के अवसर पर मोहन भागवत ने राजा का उदाहरण देते हुए आगामी चुनाव के संदर्भ में सत्ता को बड़ा ‘पाठ’ पढ़ाया। राजा को अपना काम ठीक से करना चाहिए, ऐसा करते समय उसे समाज को भी देखना चाहिए। लोकतंत्र में जिस तरह काम होता है, उस तरह हम अपना जनप्रतिनिधि चुनते हैं और वे देश चलाते हैं। लेकिन उनसे कोई चूक हो गई तो उसका परिणाम चुनाव में दिखाई देता है, ऐसा भागवत ने कहा।
समान नागरिक कानून फिलहाल संभव नहीं
किसी समाज की जनसंख्या में वृद्धि हुई तो देश के विभाजन की मांग होने लगती है। हमारा देश पहले एक संघ था। धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ। इसे देखते हुए देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए समान नागरिक कानून की जरूरत है। हालांकि, भाजपा का राज्यसभा में बहुमत नहीं इसलिए २०२४ तक इस समान नागरी कानून का लागू होना संभव नहीं, ऐसा मोहन भागवत ने चोलापुर में बोलते हुए स्पष्ट किया।

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