प्रभुनाथ शुक्ल भदोही
हमनी के पूर्वांचल में बरसात के मौसम खेती खातिर होला। खेलावन काका पूरा जोश से धान रोपनी में व्यस्त बाड़े। लेकिन भगवान इंद्र बहुत नाराज बाड़े जिहीं खातिर ए साल बरखा नईखे होखत। खिसियाइल इंद्रदेव सूर्य देव के संगे चुनावी गठबंधन कईले बाड़े। उ धरती के स्वार्थी लोग के सबक सिखावल चाहतारे। सुरुज देवता सावन में नया गठबंधन में शामिल भइला का, अब आपन उग्र रूप देखावत बाड़न। उ बादल से कहत रहले कि हमनी के धरती के लोगन के एतना अन्न देवेनी कि चुनाव के हित में लोग दान में बांट देवेले। लेकिन लोगवा वोट छोड़ दीं, हमनी के केहू घास तक ना देवेला।
इहां खेलावन काका के चिंता बा कि खेत में आपन धान कइसे लगाई। खेलावन काका के तोता बरखा ना होखे के चलते उड़ गईल बाड़े। कबो आसमान के ओर त कबो खेत के ओर देखेले। अब का करे के बा उ लोग के बुझात नइखे। बरखा हो भी रहल बा त चुनावी रेवड़ी जइसन। बेचारे काका किसान रह गइल। बरखा खातिर केहू से गठबंधन करे वाला राजनेता ना हउवन। काहे कि उनकर ना त पार्टी बा ना उ राजनेता हउवन।
खैनी बनावल घरी काका निशानेबाज से सवाल दागी दिहलेन। निशानेबाज बताईं कि आजकल राजनीति में गठबंधन के लुंगीडांस बा। बाबाजी के कटोरा थमावे वाला लोग सारंगी बजावत रहे। अबकी सावन में कजली गीत गावत हयन… बाबा अबकी सत्ता में हमके कुर्सी दिलाद, हमरी किसमत जगाय द ना। निशानेबाज इ ससुरी राजनीति से लाज नइखे। सैकड़ों चूहा निगलत बिलार हज खातिर जा रहल बा। हम चाहतानी कि अबकी बेर हमहूँ आपन नई पार्टी बनाईं। निशानेबाज! सब ठीक गईल त हमउ गठबंधन के सत्ता में मलाई खाइब।
देखीं, राजनीति में हमनी के गाजीपुर वाले नेताजी के आकर्षण बा। जेकरा सरकार में रहली उहि क बेड़ागर्क करले। सांप-नेवले के किरदार वाले सारे बैरभाव भूलाई के गठबंधन कइ लेहली। देखल जाव निशानेबाज! एह साल सावन मा बाबा विश्वनाथ के बम-बम होई आ हमनी के नयका पार्टी ‘जाती समाज’ के जयघोष होई।