सामना संवाददाता / लखनऊ
लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने २०१७ में हुए भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट केस के ७ दोषियों को फांसी और १ को उम्रकैद की सजा सुनाई। मंगलवार रात करीब ८ बजे यह फैसला आया। उस वक्त कोर्ट में आठों आतंकी मौजूद थे। ट्रेन ब्लास्ट में कुल ९ आतंकी शामिल थे। इनमें से एक का पहले ही एनकाउंटर हो चुका है। एनआईए ने कोर्ट में पेश की अपनी रिपोर्ट में ९ आतंकियों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आतंकी गतिविधियों के लिए धन, विस्फोटक और हथियार जुटाने के आरोप लगाए थे और इनके सबूत भी दिए थे। जांच एजेंसी ने बताया था कि ये लोग जाकिर नाइक का वीडियो दिखाकर युवाओं को जिहाद के लिए उकसाते थे। इस केस में २१ मार्च, २०१८ को आरोप तय किए गए थे।
मुठभेड़ में मारा गया था सैफुल्ला
पुलिस ने आतंकियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। लखनऊ के काकोरी में हुई मुठभेड़ में सैफुल्ला मारा गया था। जबकि अन्य आरोपियों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार बरामद हुए थे। इसके बाद मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने करते हुए बाकी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।