सामना संवाददाता / नई दिल्ली
दक्षिणी दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसद में अपने विवादित बोल से बड़ा बखेड़ा खड़ा कर दिया है। बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ संसद में अपशब्दों के इस्तेमाल के बाद जहां लोकसभा स्पीकर ने उन्हें भविष्य के लिए चेतावनी दी है तो पार्टी ने भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बिधूड़ी के बयानों ने विपक्ष को भी हमलावर होने का बड़ा मौका दे दिया है। हालांकि, सांसद महोदय पहले भी अपनी बयानबाजी से भाजपा की किरकिरी करा चुके हैं। २०१४ में पहली बार सांसद बने बिधूड़ी ने ९ साल में कई बार ऐसी बातें कह दीं, जिससे पार्टी को बैकफुट पर आना पड़ा।
बिधूड़ी ने पिछले महीने संसद में दिल्ली सर्विस बिल पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल किया था। आम आदमी पार्टी के मुखिया की तुलना दुर्योधन से करते हुए बिधूड़ी ने उनके कद पर भी टिप्पणी की थी। रमेश बिधूड़ी ने केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उनके लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया।
महिला सांसदों ने जड़े थे आरोप
दानिश अली के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने वाले बिधूड़ी पर पहले भी इस तरह के आरोप लग चुके हैं। २०१५ में ५ महिला सांसद रंजीत रंजन (कांग्रेस), सुष्मिता देव (तब कांग्रेस में थीं), सुप्रिया सुले (एनसीपी), अर्पिता घोष (टीएमसी) और पीके श्रीमति टीचर (सीपीआई-एम) ने तब की लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से शिकायत की थी और आरोप लगाया था कि बिधूड़ी ने उन्हें संसद में गाली दी। २०१९ लोकसभा चुनाव के दौरान उस समय बड़ा बवाल खड़ा हो गया था जब बिधूड़ी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ कथित तौर पर अपशब्दों का इस्तेमाल किया। आप नेता राघव चड्ढा की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने बिधूड़ी को नोटिस दिया था। बिधूड़ी दक्षिणी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे थे।
रमेश बिधूड़ी ने २०१७ में कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। भाजपा नेता ने विवादित बयान में बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती का भी नाम लिया था। बिधूड़ी पिछले दिनों तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने स्कूल की एक समस्या लेकर पहुंचे एक माता-पिता से अभद्रता की थी। भाजपा सांसद ने कथित तौर पर कहा था कि बच्चे पैदा ही क्यों करते हो?