मुख्यपृष्ठनए समाचारअजब है बिहार : रेल ट्रैक उखाड़ ले गए चोर! ... १३ दिन...

अजब है बिहार : रेल ट्रैक उखाड़ ले गए चोर! … १३ दिन बाद हुई अधिकारियों को जानकारी

• नवंबर में भी चोरी हुआ था रेल का डीजल इंजन
सामना संवाददाता / मधुबनी
रेलवे का स्क्रैप न तो गोदाम में सुरक्षित है और न पटरी पर है। बिहार में तो अब चोर दो किलोमीटर रेलवे लाइन को चुरा ले गए और रेलवे अधिकारियों को १३ दिन बाद पता चल पाया। जानकारी के अनुसार मधुबनी जिला के पंडौल थाना क्षेत्र अंतर्गत पंडौल स्टेशन से लोहट मिल तक दो किलोमीटर की रेलवे पटरी बिछाई गई थी। बताया जाता है कि मिल के बंद होने के बाद इस रेलवे पटरी पर मालगाड़ी का चलना बंद हो गया था। रेलवे पटरी चुराने की जानकारी आसपास के लोगों को उस समय मिली जब वहां बिना पटरी का खाली मैदान मिला। वहां से पटरियां गायब हो चुकी थीं। लोगों को तब ऐसा लगा कि रेलवे ने ही पटरी हटाई होगी। जांच करने पर पता चला कि रेलवे ने नहीं, बल्कि चोरों ने रेलवे पटरी को गायब किया है।
जांच में जुटी आरपीएफ
रेल पटरी की चोरी के बाद कुछ हिस्सा जहां-तहां मिला भी है। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स पर सीधे-सीधे जिम्मेदारी बन रही है, इसलिए इसकी जांच में आरपीएफ के अधिकारी लग गए हैं। आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। स्थानीय थाने को भी इस जांच में मदद के लिए कहा गया है। आसपास के स्क्रैप कारोबारियों से भी सुराग लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इस बीच विजिलेंस टीम गठित कर इसकी जांच शुरू कराने की बात कही जा रही है। फिलहाल अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

जमीन में धंसी थी रेलवे पटरी
जानकारी के अनुसार १९९६ में बंद हो चुकी प्राइवेट चीनी मिल के अंदर रेलवे पटरी जाती थी। पंडौल स्टेशन से लोहट चीनी मिल तक जाने वाली यह पटरी २५ साल में ज्यादातर जगहों पर जमीन में धंस गई थी। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने पटरी की चोरी की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह रेल लाइन बहुत कम चौड़ी थी और ज्यादातर हिस्सा एक तरह से जमीन में दफन हो गया था। रेलवे पुराने रिकॉर्ड से यह जानकारी जुटा रहा है कि यह लाइन रेल मंत्रालय की संपत्ति थी या प्राइवेट मिल ने अपने हिस्से के खर्चे पर पटरी बिछवाई थी।

अन्य समाचार