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उम्मीद की बाट जोह रहा बिहार का `बौना’ स्कूल! …सिर्फ दो अध्यापकों के कंधे पर स्कूल की जिम्मेदारी

`पढ़ेगा इंडिया, बढ़ेगा इंडिया’ को बढ़ावा देने वालों की नजर बिहार के एक स्कूल पर नहीं पड़ रही है। लालू यादव की सरकार में १९९६ में इस स्कूल का निर्माण हुआ था। `बौना’ कहे जाने वाले इस स्कूल की स्थिति बदहाल है। पटना फुलवारी शरीफ के सोरंगपुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय शिक्षा विभाग से उम्मीद की बाट जोह रहा है।
बता दें कि इस स्कूल की ऊंचाई जमीन से मात्र सात फीट है। इसमें छह इंच की छत भी शामिल है। इस स्कूल में सीलिंग पैâन तक नहीं है। स्कूल के आस-पास जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। इस स्कूल में दो कमरे हैं और एक बरामदा है। बताया गया कि स्कूल में कुल ८४ बच्चे हैं और २ शिक्षक हैं। दो कमरों में एक कमरा रसोइया और टूटे-फूटे बेंच के लिए बना हुआ है तो एक बरामदा एवं एक कमरे में बच्चे पढ़ाई करते हैं। इस इलाके में जैसे-जैसे सड़क का निर्माण हुआ स्कूल नीचे चला गया। जलजमाव के कारण स्कूल बंद करना पड़ता था। अब विद्यालय फंड से स्कूल में मिट्टी भराई का काम कराया गया है। इसके साथ ही यह विद्यालय `बौना’ स्कूल के नाम से चर्चित हो गया है। स्कूल की यह स्थिति लगभग चार साल से है। इसमें चुनाव भी संपन्न कराए गए हैं। कई अधिकारी भी आते-जाते रहे हैं। हालांकि अब तक इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका ने बताया कि पुनर्निर्माण के लिए कई बार लिखित आवेदन दिया गया, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। स्कूल का छज्जा हम लोग की ऊंचाई से नीचे है। हम लोगों को झुक कर स्कूल में आना पड़ता है। बरसात के दिनों में रोड पर पानी जमा होता है तो स्कूल में भी घुस जाता है।

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