मुख्यपृष्ठनए समाचाररानी बाग में बर्ड टेंशन! ...तनाव से मर रहे हैं प्राणी-पक्षी

रानी बाग में बर्ड टेंशन! …तनाव से मर रहे हैं प्राणी-पक्षी

तीन सालों में ७१ ने गंवाई जान
सामना संवाददाता / मुंबई
रानी बाग में पाले गए बर्ड भी टेंशन के शिकार हो रहे हैं। इसका खुलासा खुद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लिखित जवाब में किया है। उन्होंने बताया है कि तीन सालों में न केवल तनाव, बल्कि वृद्धावस्था, रक्तस्राव और संक्रमण के चलते कुल ७१ प्राणी और पक्षियों ने जान गंवाई है। फिलहाल, मुख्यमंत्री के इस जवाब से विपक्ष के सदस्य संतुष्ट नहीं दिखे।
मुंबई मनपा द्वारा संचालित भायखला स्थित रानी बाग में कुछ महीने पहले पक्षियों के मरने की जानकारी सामने आई थी। इन मौतों पर कई तरह के सवाल उठे थे। इसे लेकर विधानसभा के एक सदस्य ने लिखित रूप से सवाल पूछा कि क्या इस साल अप्रैल में तीन सालों के दौरान बड़ी संख्या में प्राणियों और पक्षियों की मौत होने की सामने आई जानकारी सच है। उन्होंने यह भी कहा कि क्या रानी बाग में पक्षी और प्राणियों के आहार और आरोग्य की ओर प्रशासन की ओर से अनदेखी की जा रही है। प्राणियों और पक्षियों की मौतों को रोकने के लिए सरकार ने दोषियों पर किस तरह की कार्रवाई की और उनकी मौतों को रोकने के लिए किस तरह के उपाय किए जा रहे हैं।
कार्यरत है पूर्णकालिक पशु चिकित्सक
मुख्यमंत्री ने कहा है कि रानी बाग में जानवरों और पक्षियों को उनके निर्धारित भोजन चार्ट के अनुसार, नियमित रूप से उचित स्वस्थ भोजन प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए एक पूर्णकालिक पशु चिकित्सक नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही नई दिल्ली के केंद्रीय प्राणी संग्रहालय प्राधिकरण के मानकों के अनुसार रानी बाग में सभी जानवरों और पक्षियों की नियमित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, दवा, नसबंदी, उपचार, नियमित भोजन आदि समय-समय पर किया जा रहा है।
मौतों पर लगाई मुहर
सदस्यों के पूछे गए सवालों का लिखित जवाब देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि रानी बाग में अप्रैल २०२२ से २०२४ के बीच कुल ७१ प्राणियों और पक्षियों की मौतें हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि इनकी मौतें तनाव, वृद्धावस्था, रक्तस्राव और तनाव के कारण हुई है। हालांकि, उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि इनकी मौतें आहार और आरोग्य की अनदेखी के कारण नहीं हुई है।

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