मुख्यपृष्ठस्तंभबाकी मुद्दों पर भी बोले बीजेपी!

बाकी मुद्दों पर भी बोले बीजेपी!

योगेश कुमार सोनी
हाल ही में देश की राजनीति में लोकसभा चुनाव के बीच स्वाति मालीवाल का मुद्दा बहुत तेजी से गरमाया हुआ है। जैसा कि कुछ दिन पहले राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए विभव पर मारपीट का आरोप लगाया है और कुछ संगीन धाराओं में एफआईआर भी दर्ज कराई है। इस मामले में पक्ष-विपक्ष अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। मामला बड़ा है तो हर कोई अपनी उपस्थिति भी दर्ज करवा रहा है। इस मामले में राजनीति होते देख खुद स्वाति मालीवाल ने कहा कि इस घटना पर बीजेपी किसी भी प्रकार की राजनीति न करे। यह एक घटना है और इसे उस तरह से ही लिया जा रहा है। दरअसल, मामला यह है कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से कुछ नेता इस मुद्दे को भुनाने में लगे हुए हैं, लेकिन वो ये नहीं जानते कि जनता कुछ भी नहीं भूलती। बीते दिनों संदेशखाली व महिला पहलवानों के मुद्दे ने कितना तुल पकड़ा था, जिस पर किसी भी बीजेपी नेता की प्रतिक्रिया नहीं आई। आरोप सिद्ध होने के बाद पार्टी से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा, लेकिन पार्टी ने उन पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई करने की बजाय उनके बेटे भूषण सिंह को उत्तर प्रदेश के वैâसरगंज लोकसभा सीट से टिकट दे दिया, जिसको लेकर जनता में अच्छी-खासी नाराजगी देखी जा रही है। हर कोई इस बात से हैरान है कि आखिर ऐसा क्या है कि बृजभूषण सिंह से बीजेपी इतना दबती है? इस मामले पर टीवी डिबेट या किसी रैली में कोई भी बीजेपी नेता कुछ भी नहीं बोलता है। इसके अलावा संदेशखाली में महिलाओं को नग्न करके घुमाया, जिससे भारतीय महिला के अस्तित्व पर भारी चोट लगी थी उस पर कोई भी बोलने को राजी नहीं होता। आज विपक्ष की किसी महिला के साथ कोई घटना घट गई तो बीजेपी को महिला सुरक्षा के सारे नियम-कानून याद आ गए। उनको लगा कि वो इस मामले को जनता को परोस अपना फायदा ले लेंगे, लेकिन जनता ने तुरंत उनको पूर्व में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार व बड़ी घटनाओं को याद दिला दिया। राजनीति का कोई स्पष्ट रूप तो बीजेपी की ओर से दिखाई नहीं देता, लेकिन किसी भी घटना का फायदा उठाने के तमाम प्रारूप जरूर नजर आ जाते हैं। ऐसा करके वह अपना सम्मान कम तो कर ही रहे हैं, साथ में लोगों के दिलों में अपने लिए नफरत भी पैदा कर रही हैं। दस सालों में महिला सुरक्षा पर जितना बोला गया है, यदि उसमें से उसका दस प्रतिशत काम भी हो जाता तो देश की सुरक्षा के लिहाज से स्थिति बहुत सुधर जाती। वैसे तो पूरे देश में एक जैसी स्थिति है, लेकिन महानगरों में जहां चौबीस घंटों लाइट रहती है और दुनिया चलती है, वहां भी महिला छेड़छाड़ के मामले हर रोज आते हैं। हम अपने आप को हाईटेक दौर में बताते हैं, लेकिन सच्चाई क्या है यह हम सबको भलीभांति पता है। हम लगातार बुनियादी मुद्दों को छो़ड़ते जा रहे हैं और बड़ी-बड़ी बातें करके केवल सरकार अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है। आज देश को जो चाहिए, वो नहीं मिल रहा। सरकार की बातें बहुत बड़ी-बड़ी हैं, लेकिन धरातल पर सब शून्य सा दिखता है। यदि महिलाओं की सुरक्षा की चिंता है तो उस पर काम हो, क्योंकि आज कमान आपके हाथ में है। हालांकि, चुनाव चल रहे हैं और जनता सरकार को महिला सुरक्षा के अन्य तमाम मुद्दों को लेकर जवाब दे चुकी है और बाकी चरणों में देने को तैयार है।

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