सामना संवाददाता / अमदाबाद
बिहार के भागलपुर में कुछ दिन पहले निर्माणाधीन पुल के हाल ही में गिरने की घटना को लोग भूल भी नहीं पाए थे कि गुजरात के तापी जिले के व्यारा तहसील में लोकार्पण से पहले ही पुल टूटकर गिर गया। १४ जून की सुबह व्यारा में मिंधोला नदी पर बनाया गया पुल का एक हिस्सा टूट गया। हालांकि, इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है। पुल का अभी तक उद्घाटन भी नहीं हुआ था लेकिन १५ गांवों के लोग इससे आवाजाही कर रहे थे। इस पुल का निर्माण २०२१ में शुरू हुआ था। इस पुल का निर्माण २ करोड़ रुपए की लागत से किया गया था। पुल के टूटने के बाद भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ठेकेदार ने पुल के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया है। इससे पहले बिहार के भागलपुर में गंगा नदी के ऊपर १,७१७ करोड़ रुपए की लागत से बन रहा पुल ढह गया था। साल २०१४ में बिहार के सीएम नीतिश कुमार ने ही इस पुल का शिलान्यास किया था।
बिहार में पुल बनाने वाली कंपनी के पास ही है गुजरात की कई परियोजनाएं
बता दें कि गुजरात में वही कंपनी राज्य में दो महत्वपूर्ण पुल परियोजनाओं में शामिल है। जिस कंपनी ने भागलपुर का पुल बनाया था, वही कंपनी गुजरात में पुल बना रही है। जानकारी के अनुसार, एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन हरियाणा की एक निर्माण फर्म है जो २७ वर्षों से निर्माण उद्योग में सक्रिय है। कंपनी के वर्तमान बोर्ड सदस्य और निदेशक सत पॉल सिंगला, प्रेम लता, दीपक सिंगला, रोहित सिंगला और निकिता गांधी हैं। कंपनी दिल्ली रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत है, जबकि हरियाणा में अपने कॉर्पोरेट कार्यालय से संचालित होती है।
अटल पुल में पड़ गई थीं दरारें
गुजरात में कंपनी के पास दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं हैं। एक ओखा-बेत द्वारका सिग्नेचर ब्रिज, जिसकी अनुमानित लागत ९६२ करोड़ रुपए है। इस परियोजना में ओखा और बेत द्वारका को जोड़ने वाले ३.७३ किमी, चार-लेन केबल-स्टे सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण शामिल है। अन्य परियोजना दभोई-सिनोर-मलसर-एस रोड नर्मदा रिवर ब्रिज है, जिसकी लंबाई ९०० मीटर और परियोजना लागत १६५ करोड़ रुपए है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए अमदाबाद के अटल पुल को भी जनता के लिए खोले जाने के सात महीने बाद ही दरारें पड़ गई थी। अप्रैल २०२३ में अमदाबाद में अटल पुल के कांच के आधार में दरारें पाई गईं, जिसके बाद नगर निगम के विशेषज्ञों ने निरीक्षण किया। साबरमती नदी के पूर्वी और पश्चिमी किनारों को जोड़ने वाले फुट ओवरब्रिज में एलिस ब्रिज और सरदार ब्रिज के बीच कांच के आठ टुकड़ों में से एक में अचानक दरारें आ गईं।
याद आया ‘मोरबी’ हादसा
पिछले साल अक्टूबर महीने में गुजरात के मोरबी में ब्रिज हादसा हुआ था। इस हादसे में १३५ लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद सरकार ने ब्रिज निर्माण और इनकी देखरेख को लेकर काफी सख्ती की थी, लेकिन तापी के हादसे ने गुणवत्ता पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल ही में अमदाबाद समेत राज्य के कई पुराने पुलों के जर्जर होने पर भी सरकार ने १३ पुलों पर संचालन बंद किया था।