सामना संवाददाता / नई दिल्ली
मंडी से भाजपा की लोकसभा सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा किसानों और किसान आंदोलन पर दिया गया विवादास्पद बयान भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है। खासतौर से किसान आंदोलन के गढ़ रहे हरियाणा में आगमी १ अक्टूबर २०२४ को विधानसभा चुनाव होने हैं, इन चुनावों के पहले किसानों और केंद्र द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चले १३ माह के आंदोलन को लेकर कंगना रनौत ने जिस तरह से विवादास्पद टिप्णियां की हैं उससे भाजपा असहज महसूस कर रही है। इसके चलते ही सोमवार को भाजपा ने रनौत के बयान और टिप्पणियों से पल्ला झाड़ लिया है। बीजेपी ने पार्टी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत के किसान आंदोलन को लेकर दिए बयान पर कहा है, `यह पार्टी का मत नहीं है और बीजेपी इससे असहमति व्यक्त करती है।’ बीजेपी ने कहा, `कंगना भविष्य में ऐसे बयान न दें।’ इससे पहले, कंगना ने कहा था, `जब किसान आंदोलन हुआ तो वहां लाशें लटकी थीं…वहां रेप हो रहे थे।’
‘कान पकड़कर माफी मांगें कंगना’
फिल्म अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत एक बार फिर अपने भाषण की वजह से विपक्ष के निशाने पर हैं। इसे लेकर कांग्रेस के नेता लगातार कंगना पर हमला बोल रहे हैं और इस मुद्दे पर बीजेपी से कुछ सवाल भी पूछे हैं। इस मसले पर कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना की टिप्पणी को मार्क करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म `एक्स’ पर पूछा है कि क्या यह कंगना जी की निजी राय है या यह भाजपा और सरकार का मत है? किसानों को भाजपा नेताओं ने बहुत अपशब्द बोले हैं, अब उनकी सांसद अन्नदाताओं को हत्यारे और बलात्कारी भी बोल रहीं हैं। इसका जवाब हम नहीं… बस कुछ दिनों में हरियाणा देगा। लेकिन इस बयान से राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल खड़े किए गए हैं, इसलिए बीजेपी और सरकार को जवाब तो देना ही पड़ेगा… और अगर ऐसा नहीं है तो यह सांसद कान पकड़ कर माफी मांगें!