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बजट पर भाजपाई मगन, कांग्रेसी बता रहे छलावा!..विभिन्न वर्गों ने व्यक्त की मिश्रित प्रतिक्रिया

विक्रम सिंह / सुलतानपुर

देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश केंद्रीय बजट को पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लोग एकतरफ आत्ममुग्ध दिखाई दे रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने इसे महज छलावा बताते हुए तीखी आलोचना की है। विभिन्न वर्गों के लोगों की बजट पर मिश्रित प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व एमएलसी डॉ. वीणा पांडेय ने भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट को महिला, किसान, गरीब, नौजवान एवं भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कल्याणकारी बताते हुए कहा कि यह बजट समाज के सभी वर्गों के लिए राहत देने वाला है । बजट में उल्लिखित समावेशी किसान योजना, धनधान्य योजना, बिहार के मखाना किसानों के लिए योजना, नेशनल मिशन फॉर हाई येल्डिंग सीड योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, कॉटन ग्रोइंग मिशन जैसी योजनाएं भारत की आत्मनिर्भरता के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। महिलाओं को उद्यमी के रूप में विकसित करने की योजना, स्टार्टअप के लिये धन देने की घोषणा,बिहार में राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी मिशन, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी की स्थापना, खिलौना उद्योग को प्रोत्साहन देने की योजना जैसे अनेकों विकास परक घोषणायें भारत की समृद्धि में चार चांद लगाएगी। इनकम टैक्स में राहत देने वाला कदम भी अत्यंत सराहनीय है। संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि वर्तमान बजट सर्वग्राही एवं सर्वस्पर्शी है। वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा ने बजट को पूरी तरह से छलावा बताया है। कहा है कि यह सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी है। जिससे आम जनता को कोई वास्तविक लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने मध्यम वर्ग को १२ लाख तक आय पर टैक्स छूट देने की बात तो की, लेकिन महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने की घोषणा के बावजूद किसानों की असली समस्या फसल के उचित दाम और कर्ज माफी पर चुप्पी साध रखी है। केवल बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने वाला बजट पेश किया गया है, जिससे आम आदमी को कोई राहत नहीं मिलेगी। दूसरी तरफ प्रबुद्ध और शिक्षित वर्ग के लोगों ने भी बेबाकी से प्रतिक्रिया दी है। राणाप्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेंद्र विक्रम ने कहा कि नौकरी-पेशा लोगों के लिए यह बजट राहत देने वाला है।
कई वर्षों से इनकम टैक्स में राहत देने की जो मांग चल रही थी, इस बार पूरी हुई है। नया टैक्स कानून लाने की घोषणा भी स्वागत योग्य है। साहित्य, संस्कृति और कला के क्षेत्र में विशेष बजट न होने से काफी निराशा हुई है। यह शिक्षा और शिक्षकों की दशा सुधारने वाला बजट नहीं है। नई शिक्षा नीति को लागू करने में जिस बुनियादी ढांचे की जरूरत है वह अभी देश में खड़ा ही नहीं है। नीति लाने वाली सरकार के पिछले कई बजट की तरह इस बजट में भी इस पर कुछ नहीं कहा गया है।
अर्थशास्त्री डॉ सुनील त्रिपाठी की राय में किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने का निर्णय बेहतरीन है। केंद्रीय वित्तमंतत्री ने आज आठवीं बार आम बजट पेश किया है। जैसा कि उम्मीद थी कि बजट में मध्यम वर्ग को आयकर मे राहत मिलेगी। नए टैक्स स्लैब मे 12.75 लाख रुपए तक आय वालों को टेक्स से विशेष छूट दी गयी है, लेकिन इससे अधिक आय वालों को सभी स्लैब में कर देना होगा। पुरानी पेंशन की तरह पुराने टैक्स स्लैब वालो को राहत न देना, कहीं न कहीं घरेलू बचत, होमलोन की छूट व बीमा योजनाओं को हतोत्साहित करेगा, इसके साथ साथ आयकर की धारा 80 सी की छूट सीमा को भी नहीं बढाया गया। यह बजट कृषि, पर्यटन विनिर्माण, एमएसएमई क्षेत्र को बढावा देने वाला बजट है, जिससे रोजगार, निर्यात व ग्रोथ को बढावा मिलेगा। इस बजट में वैश्विक चुनौतियों व संभावनाओं के बीच अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों मे संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है। खेलप्रेमी शिक्षक मुनेंद्र मिश्र की राय में खेल और खिलाड़ी पर सरकार ने अच्छा निवेश करने की ठानी है। वित्त मंत्री ने पिछली बार की तुलना में 100 करोड़ बढ़ाते हुए इस स्कीम के लिए 1,000 करोड़ जारी किए हैं। हालांकि, इस बार के बजट में सिर्फ खेलो इंडिया के लिए ऐलान किया गया है। अभी तक नेशनल स्पोर्ट्स फंड और साई के लिए अलग से किसी तरह का आवंटन सामने नहीं आया है।

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