सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कुछ दिनों पहले तक जब चुनाव चल रहे थे, कांग्रेस पर बीजेपी आरोप लगाती रहा थी कि कांग्रेस वाले मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र लाए हैं और कल लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी वाले असली हिंदू ही नहीं हैं। हिंदू को लेकर ऐसा विवाद हुआ कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत पांच मंत्रियों ने आपत्ति जताई। पहले हाथ में संविधान उठाकर और फिर भगवान शिव की तस्वीर. दुआ में उठे हाथ की तस्वीर, गुरुनानक की तस्वीर, जीसस की तस्वीर उठाकर राहुल गांधी ने ऐसा तीर मारा कि बीजेपी के दिल में लगा है।
बीजेपी के रणनीतिकारों को भी अब ये समझ आ चुका है कि स्पीकर के चुनाव के ठीक बाद नीट पेपर लीक मामले पर मौन धारण कर लेने और इमरजेंसी की निंदा करने से अब काम नहीं चलनेवाला है और विपक्ष नीट पेपर लीक का मामला यूं ही नहीं जाने देनेवाला है। हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के साथ कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा अब बीजेपी पर ही बैकफायर करने लगा है। ऐसे में राहुल गांधी और उनके साथियों को रोकने के लिए टीम मोदी को भी नए सिरे से रणनीति बनानी होगी, क्योंकि कांग्रेस मुक्त भारत की मुहिम हाल फिलहाल तो आगे बढ़ने से रही।
निशाने पर बीजेपी का हिंदुत्व एजेंडा
बीजेपी को अयोध्या की हार बहुत भारी पड़ रही है। फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद के कंधे पर बंदूक रख कर राहुल गांधी, अखिलेश यादव के साथ मिलकर संसद सत्र के पहले ही दिन से आक्रामक हैं और वैसे ही राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी दहाड़ने लगे हैं। पैर का दर्द बार-बार उनको परेशान करता है फिर भी थोड़ा रुक कर वो फिर से फायरिंग चालू कर देते हैं।
पूरी महफिल अकेले लूट रहे राहुल
राहुल गांधी पूरी महफिल अकेले न लूट लें इसलिए प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के अलावा भी राजनाथ सिंह और शिवराज सिंह चौहान जैसे सीनियर मंत्रियों को खड़े होकर रिएक्शन देना पड़ रहा था, लेकिन उसमें से भी राहुल गांधी अपने आक्रमण के लिए जरूरी चीजें निकाल ले रहे थे।
बदल डाली पूरी रणनीति
राहुल गांधी ने हिंदुत्व की नई व्याख्या पेश की, जो उनके पहले वाले हिंदू-हिंदुत्व-हिंदूवादी वाले स्टैंड से काफी अलग रहा। असल में पहले राहुल गांधी सॉफ्ट हिंदुत्व को लेकर आगे बढ़ रहे थे, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर उद्धाटन का बहिष्कार करने और एवज में अयोध्या की सीट समाजवादी पार्टी के जीत लेने के बाद से पूरी रणनीति बदल डाली है।
सिर्फ मोदी के मन की योजना
अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं के गुस्से का राहुल गांधी हर संभव फायदा उठा रहे हैं और यही वजह है कि अग्निवीर योजना की आलोचना को सेना से जोड़ने के आरोपों का कांग्रेस नेता पर कोई खास असर नहीं होता। राहुल गांधी ये समझाने की कोशिश करते हैं कि अग्निवीर योजना सेना की नहीं, बल्कि सिर्फ मोदी के मन की योजना है।
मोदी, बीजेपी या संघ पूरा हिंदू समाज नहीं
जब हिंसा और नफरत से हिंदुत्व को जोड़ने पर सत्ता पक्ष ने काउंटर करने की कोशिश की, तो राहुल गांधी ने कहा कि केवल मोदी, बीजेपी या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही पूरा हिंदू समाज नहीं है और पूरी मोदी सरकार को काफी देर तक मन की बात सुनाते रहे।
अग्निवीर ‘यूज-एंड-थ्रो मजदूर’
संसद में राहुल गांधी का इल्जाम है कि मोदी सरकार अग्निवीरों को ‘यूज-एंड-थ्रो मजदूर’ की तरह इस्तेमाल कर रही है। राहुल गांधी के इस आरोप पर कि अग्निवीरों को न शहीद का दर्जा दिया जाता है, न सेना के जवानों की तरह कोई मदद। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खारिज करते हैं और सरकार क्या करती है समझाने की कोशिश करते हैं। सरकार की तरफ से बताया जाता है कि अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ रुपए की मदद दी जाती है।