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भाजपा कर रही परेशान यशवंत से जयंत तक मैदान में न होने के बावजूद

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के बेटे आशीष सिन्हा के झारखंड के हजारीबाग में विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक की एक रैली में भाग लेने के बाद सियासत तेज हो गई है। इससे उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा शुरू हो गई है और सिन्हा परिवार एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। दरअसल, उनसे पूछा गया था कि उन्होंने मौजूदा लोकसभा चुनाव में वोट क्यों नहीं डाला और चुनाव प्रचार में हिस्सा क्यों नहीं लिया। इसके साथ ही झारखंड भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत को हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार में रुचि न लेने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसका पूर्व केंद्रीय मंत्री व भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता जयंत सिन्हा ने पार्टी के कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है। सिन्हा ने कहा कि वे भाजपा का कारण बताओ नोटिस देखकर हैरान रह गए थे।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के झारखंड महासचिव आदित्य साहू ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके जवाब में सिन्हा ने कहा कि उन्होंने पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाला है क्योंकि वह व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के लिए विदेश में थे। झारखंड की हजारीबाग सीट से मौजूदा सांसद सिन्हा ने साहू को लिखे दो पेज के पत्र में कहा कि आपका पत्र पाकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ और यह जानकर हैरानी हुई कि इसे मीडिया में जारी कर दिया गया है। मैंने २ मार्च २०२४ को ही लोकसभा चुनाव में हिस्सा न लेने की घोषणा कर दी थी। सिन्हा ने बताया कि इसके लिए उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से बातचीत की थी। स्वीकृति मिलने के बाद ही उन्होंने लोकसभा चुनाव न लड़ने का पैâसला किया था। सिन्हा ने कहा कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए मनीष जायसवाल को अपना उम्मीदवार घोषित किया। मैंने ८ मार्च को बधाई दी थी, जो कि मेरे समर्थन का ही साक्ष्य था। इस बीच अगर पार्टी चाहती कि मैं किसी भी प्रकार की चुनावी गतिविधियों में भाग लूं, तो निश्चित रूप से मुझसे संपर्क कर सकते थे। हालांकि, २ मार्च २०२४ को मेरी घोषणा के बाद झारखंड के किसी भी वरिष्ठ पदाधिकारी या सांसद, विधायक ने मुझसे संपर्क नहीं किया।

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