मुख्यपृष्ठनए समाचारबीजेपी ने आरएसएस से रिश्ते सुधारने के लिए हटाया दशकों पुराना बैन?

बीजेपी ने आरएसएस से रिश्ते सुधारने के लिए हटाया दशकों पुराना बैन?

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। इसे सरकार द्वारा आरएसएस और बीजेपी के बीच के संबंध सुधारने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा को आश्वासन दिया गया है कि संघ के नेता सार्वजनिक रूप से उसकी या उसके नेतृत्व की आलोचना नहीं करेंगे। भाजपा नेतृत्व ने आरएसएस नेताओं की हाल ही में पार्टी और सरकार की सार्वजनिक आलोचना पर आपत्ति जताई, जबकि संघ के नेता लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की इस टिप्पणी से नाखुश थे कि पार्टी आरएसएस की बैसाखी के बि‍ना, खुद को चलाने में सक्षम है।
मीडिया में ऐसी भी खबरें हैं कि‍ बैन हटाने से संघ के भीतर संदेश गया है कि यह मोदी सरकार और भाजपा की तरफ से संकेत है कि भाजपा और आरएसएस के बीच लोकसभा चुनाव के दौरान सामने आई दूरियों को कम किया जाना चाहिए। खबरों के मुताबिक, ‘चुनावों से पहले संघ और भाजपा के बीच संवाद टूट गया था लेकिन संघ के एक वरिष्ठ सदस्य ने मध्यस्थता की, जो पहले भी दोनों के बीच समन्वय करा चुके हैं। आरएसएस की कार्यकारी समिति ने स्थिति में सुधार किया है।’

आरएसएस ने की सराहना
सरकार के इस कदम की आरएसएस ने सराहना की है। आरएसएस के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने कहा, ‘सरकार का यह पैâसला सही है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करता है। संगठन का देश और समाज की सेवा में ९९ सालों का इतिहास है।’ आंबेकर ने आगे कहा, ‘अपने राजनीतिक हितों के कारण, तत्कालीन सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को संघ जैसे रचनात्मक संगठन की गतिविधियों में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया था।’

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