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उत्सव मनाकर भाजपा भले ही भुनाए, पर सफल हो मिशन चंद्रयान! देशवासियों की भावना

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
वर्ष २०२४ में होनेवाले लोगसभा चुनाव की तैयारियों में भाजपा पिछले करीब डेढ़ वर्षों से जुटी है। देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। इससे त्रस्त आम जनता त्राहि-त्राहि कर रही है जबकि केंद्र सरकार, भाजपा उसकी सोशल मीडिया सेल और भक्त विकास का ‘फटा’ ढोल बजाकर अब तक देशवासियों को गुमराह करने के प्रयास के अलावा कुछ और नहीं कर सके हैं। सिर्फ चुनावी एजेंडे पर काम कर रही केंद्र सरकार और भाजपा ने सैनिकों (सर्जिकल स्ट्राइक) और कोर्ट (राममंदिर और तीन तलाक) उपलब्धियों को अपने नाम पर भुनाने का शर्मनाक प्रयास पहले करती रही है। देश के वैज्ञानिक केंद्र सरकार और भाजपा को एक और मौका दे सकते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं मिशन चंद्रयान ३ की। देश के इस बहुप्रतीक्षित चंद्र मिशन को इसरो अगले कुछ घंटों में लॉन्च करने की तैयारी में है। पूरी दुनिया की जिस पर नजर है, ऐसे में इस ऐतिहासिक मिशन की सफला की दुआ पूरा देश मांग रहा है, लेकिन बाद में भाजपा इसे सियासी लाभ के लिए अपनी उपलब्धि बताकर भुनाएगी, ऐसा तंज भी लोग कसने लगे हैं।
बता दें कि मिशन चंद्रयान ३ की आंशिक नाकामी से देशवासी काफी दुखी और निराश हुए थे। लेकिन उस नाकामी को पीछे छोड़ते हुए अब इसरो आज चंद्रयान मिशन- ३ लॉन्च करने जा रहा है, जिसे लेकर लोगों में खासी जिज्ञासा है। ६५१ करोड़ रुपए खर्च करके तैयार किए गए इस मिशन के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, इसरो आज दोपहर में २.३५ बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से स्पेसशिप चंद्रयान-३ लॉन्च करेगा। यान पूरी तरह तैयार है। इसे बुधवार को ही लॉन्चिंग व्हीकल थ्न्न्श्-घ्घ्घ् में फिट किया गया था। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान २३ या २४ अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेगा। यदि चंद्रयान-३ का लैंडर चांद पर उतरने में सफल होता है तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चंद्रमा पर अपने स्पेसक्राफ्ट उतार चुके हैं।
ये है इसरो की योजना
इस मिशन में भारत चांद की धरती पर एक लैंडर उतारेगा। इस लैंडर में एक रोवर भी है, जो चंद्रमा की धरती पर घूमेगा और वहां कुछ प्रयोग करेगा। गौरतलब हो कि लैंडर चांद पर एक लूनर दिन तक रहेगा। एक लूनर दिन धरती के १४ दिन के बराबर होता है। चंद्रयान-३ चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद उसकी सतह, मिनरल्स के साथ-साथ कई जानकारियां जुटाएगा। चंद्रयान-३ के साथ जो लैंडर और रोवर भेजे गए हैं उनमें पिछली बार की तरह ही छह पेलोड लगाए गए हैं, सामान्य तौर पर समझें तो पेलोड एक तरह से डाटा ट्रांसमिशन यूनिट की तरह काम करता है। चंद्रयान-३ के लैंडर में चार पेलोड लगे हैं, जो चांद पर आने वाले भूकंपों, सतह की थर्मल प्रॉपर्टी, प्लाज्मा और धरती से चांद की एक्यूरेट दूरी का पता लगाएगा। इसी तरह रोवर में दो पेलोड हैं जो चांद की सतह पर पहुंचकर मिट्टी में केमिकल और मिनरल कंपोजिशन का पता लगाकर ये जानकारी जुटाएंगे कि चांद की मिट्टी और चट्टानों में कौन से खनिज हैं। इसका तीसरा हिस्सा प्रोपल्शन मॉड्यूल है, जो अगले छह माह तक चांद की कक्षा में रहेगा और एक छोटे ग्रह की तरह चक्कर काटता रहेगा।
चंद्रयान-२ से अलग है चंद्रयान ३
गौरतलब हो कि इसरो ने चंद्रयान-२ से मिले तजुर्बे के आधार पर चंद्रयान-३ की तैयारी की है। पिछली बार हुई गलतियों को इस बार ठीक किए जाने का दावा इसरो के वैज्ञानिक कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि चंद्रयान -२ में ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर तीन कंपोनेंट थे, जबकि चंद्रयान थ्री में ऑर्बिटर की जगह प्रॉप्लशन मॉड्यूल को शामिल किया गया है। चंद्रयान-२ का कुल वजन ३८५० किग्रा था, जबकि चंद्रयान-३ ्qब् दूल् का वजन ३९०० किलो है। चंद्रयान-२ मिशन १ से ७ साल तक के लिए प्लान किया गया था, जबकि चंद्रयान-३ मिशन की लाइफ ३ से छह माह है। चंद्रयान-२ ने चांद तक पहुंचने के लिए ४८ दिन का समय लिया था, जबकि चंद्रयान-३ ४२ दिन में ऐसा कर सकता है।

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