सामना संवाददाता / भोपाल
एमपी की मोहन यादव सरकार द्बारा रेप पीड़िताओं को १० लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के पैâसले पर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने हमला बोला है, उन्होंने कहा कि सरकार बलात्कार जैसे संवेदनशील मुद्दे को भी इवेंट में बदल रही है। नाबालिगों से बलात्कार की रोकथाम के बजाय, यह सरकार ‘बलात्कार प्रोत्साहन योजना’ की शुरुआत कर रही है। नाबालिग पीड़िताओं को बलात्कार के बाद मुआवजे के रूप में पैसे देना और उस पीड़ा का मजाक उड़ाते हुए इसे पेश करना, मैं इसका कड़ा विरोध करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि पीड़िताओं के कल्याण के लिए सरकार को एक ठोस मंच तैयार करना चाहिए, जिसमें काउंसलिंग से लेकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने तक की नीति होनी चाहिए थी। लेकिन मोहन यादव की सरकार ने बच्चियों के बलात्कार के बाद केवल मुआवजा देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना ज्यादा आसान समझा। ऐसे में प्रदेश में अपराधी बेखौफ होकर अपराध करेंगे और सरकार बेशर्मी से अपराध रोकने के बजाय, पीड़िताओं को मुआवजा देकर मामले को सुलझाने का प्रयास करेगी। सरकार के इस कदम से पीड़िताओं का अपमान होगा और समाज की चेतना को भी गहरा नुकसान पहुंचेगा।
बता दें कि प्रदेश मंत्रिपरिषद की दो दिन पहले हुई बैठक में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं और दुष्कर्म से जन्मे उनके बच्चों को लेकर एक नई पहल की गई है। इसके तहत इस प्रकार जन्मे बच्चों को स्वास्थ्य सुविधाएं, पालन-पोषण और अन्य प्रकार की आवश्यक सुविधाएं दी जाएंगी। योजना का उद्देश्य १८ वर्ष तक लैंगिक अपराध से पीड़ितों को पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत संरक्षण और भारत सरकार के निर्भया फंड से वित्तीय सहायता प्रदान करना है। निर्भया फंड से १० लाख रुपए आवंटित किए जाएंगे, लेकिन राज्य में इसे लेकर अब विरोध के स्वर उठने लगे हैं।