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गद्दारों को ढोनी होगी भाजपाई `पाप की गठरी’!… संजय राऊत ने साधा घातियों पर निशाना

सामना संवाददाता / मुंबई

असंवैधानिक मुख्यमंत्री भाजपा के ही हैं। नरेंद्र मोदी और अमित शाह उनके नेता हैं। छोटी-छोटी चीजों के लिए भी उन्हें दिल्ली जाना पड़ता है। इसलिए घाती को भाजपाई `पाप’की गठरी ढोनी ही पड़ेगी। घाती प्रचार की शुरूआत भाजपा प्रत्याशी से कर रहे हैं। वे भाजपा के ही घाती हैं इसलिए उन्हें भाजपा की गठरी उठानी पड़ रही है। इस तरह का तीखा तंज शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने कसा है।
हेलिकॉप्टर से एबी फॉर्म भेजा गया। उसकी चुनाव आयोग जांच करेगा। इस पर मीडिया से बातचीत में सांसद संजय राऊत ने कहा कि चुनाव आयोग की जांच का कोई मतलब नहीं है। हमने हेलिकॉप्टर से भेजे गए पैसों का वीडियो भेजा था। कई सबूतों को भी दिया था। लेकिन जांच अथवा कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए चुनाव आयोग की ओर से किए जानेवाली जांच का कोई मतलब नहीं है। संजय राऊत ने कहा कि राज्य में गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद की अपनी सुरक्षा बढ़ा ली है, जबकि जनता की सुरक्षा रामभरोसे है। उन्होंने खुद के लिए फोर्स वन की पूरी टीम की सुरक्षा ली है। राज्य में खून, रंगदारी, कोयता गैंग की दहशत जैसी कई घटनाएं हो रही हैं। इसके बावजूद गृहमंत्री फोर्स वन की सुरक्षा ले लिए। उन्हें आखिरकार किससे खतरा है? क्या उन्हें यूक्रेन, लीबिया, उत्तर कोरिया के किम जोंग से खतरा है? फडणवीस को वास्तव में किससे खतरा है, यह हमें पता होना चाहिए, हम देश के नागरिक हैं।
मौजूदा विधायक सीटें छोड़ने को नहीं हैं तैयार
संजय राऊत ने कहा कि चुनाव के दौरान दिए गए बयानों और तमाम आरोपों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। कुछ सहयोगी दलों के मौजूदा विधायकों की सीटें हैं। उन सीटों पर बार-बार चर्चा के बावजूद कोई समझौता नहीं हो सका। साथ ही हम कई शिवसेना विधायकों की मौजूदा सीटें भी नहीं छोड़ सकते। कांग्रेस, राकांपा (शरदचंद्र पवार), समाजवादी पार्टी अपनी मौजूदा सीटें छोड़ने को तैयार नहीं हैं। इस बात को पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को समझने की जरूरत है। पूर्व विधायक रूपेश म्हात्रे कह रहे हैं कि भिवंडी सीट पाने के लिए हम एड़ी चोटी का जोर लगा चुके हैं। हालांकि, वहां समावादी पार्टी के मौजूदा विधायक हैं। हमने उस सीट के लिए आखिरी क्षण तक कोशिश की। हालांकि, समाजवादी पार्टी ने सीट नहीं छोड़ी। ऐसे में हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। राज्य में सात से आठ सीटों पर महाविकास आघाड़ी में दो दलों के उम्मीदवार हैं। उन्हें उनकी पार्टी की ओर से एबी फॉर्म दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिन सीटों पर ऐसी घटनाएं हुई हैं, वहां आज दोपहर तक समाधान निकाल लिया जाएगा। कुछ सीटों पर गलतफहमी के कारण ऐसे मामले हुए हैं। कुछ पर ऐसा क्यों हुआ, इसकी जांच की जा रही है। शिवसेना के कुछ प्रमुख लोगों ने जुन्नर, चंद्रपुर, मुंबई में एक-दो सीटों पर नामांकन दाखिल किया है। इसके अलावा कांग्रेस और राकांपा की ओर से भी कुछ जगहों पर ऐसा हुआ है। हम तीनों दलों के नेता एक-दूसरे के संपर्क में हैं और इस बारे में संवाद कर रहे हैं।
मैत्रीपूर्ण लड़ाई में हम नहीं हारेंगे
सांसद संजय राऊत ने विश्वास व्यक्त किया कि महाविकास आघाड़ी मैत्रीपूर्ण लड़ाई में नहीं हारेगी। यह प्रत्येक सीट पर आमने-सामने की लड़ाई होगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि आज दोपहर इस पर चर्चा कर कोई रास्ता निकाला जाएगा। महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों के नेता एक दूसरे के संपर्क में हैं और बातचीत की जा रही है। उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि आज दोपहर तक सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे।

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