सामना संवाददाता / मुंबई
ईशान्य मुंबई भाजपा का संसदीय क्षेत्र है, लेकिन साल २००९ में यहां से भाजपा के किरीट सोमैया को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। फिलहाल इस समय शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रत्याशी संजय दीना पाटील की भाजपा के मिहिर कोटेचा के सामने स्थिति बहुत ही मजबूत दिखाई दे रही है। उन्हें सभी ओर से समर्थन मिल रहा है। इससे ईशान्य मुंबई में भाजपा का अभी से पसीना निकलने लगा है। साथ ही उन्हें यह एहसास हो गया है कि इस बार उनके किले को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ढहाए बिना नहीं मानेगी।
उल्लेखनीय है कि मुलुंड से मानखुर्द शिवाजी नगर तक फैले ईशान्य मुंबई निर्वाचन क्षेत्र में मिश्रित आबादी है। इस क्षेत्र में मराठी, गुजराती, दलित, मुस्लिम, उत्तर भारतीय, दक्षिण भारतीय मतदाता हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में अब तक बयार परंपरागत रूप से केंद्र में सत्तारूढ़ दल के पक्ष में रही है। साल २००९ में भाजपा के किरीट सोमैया आत्मविश्वास से लबरेज हो गए थे कि वे ही जीतेंगे, लेकिन सोमैया को मनसे के शिशिर शिंदे के कारण हार का मुंह देखना पड़ा था। उस समय कांग्रेस और राकांपा के नेताओं ने भी नहीं सोचा था कि उनके प्रयाशी संजय दीना पाटील जीत जाएंगे।
क्षेत्र में शिवसेना की अच्छी ताकत
इस बार शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस और राकांपा (शरदचंद्र पवार) की महाविकास आघाड़ी की तरफ से ईशान्य मुंबई से शिवसेना प्रत्याशी संजय दीना पाटील को चुनाव मैदान में उतारा गया है। बता दें कि ईशान्य मुंबई में शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत के भाई सुनील राऊत का दमदार प्रभुत्व है। इसके कारण इस निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना की अच्छी ताकत है। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि इस बार संजय दीना पाटील जीत हासिल करेंगे। दूसरी तरफ ईशान्य मुंबई पर राष्ट्रीय स्तर तक के राजनीतिज्ञों की निगाहें टिकी हुई हैं।
साल २०१९ में प्रत्याशियों को मिले वोट
मनोज कोटक (भाजपा) : ५,१४,५९९
संजय पाटील (राष्ट्रवादी) : २,८८,११३