संदेशखाली की दो महिलाओं ने लिया केस वापस
पीड़िताएं बोलीं, नहीं हुआ था हमारा यौन उत्पीड़न
सादे कागज पर साइन लेकर की थी कंप्लेन
सामना संवाददाता / कोलकाता
चुनाव जीतने के लिए पश्चिम बंगाल में भाजपा ने जो षड्यंत्र रचा था उसका पर्दाफाश हो गया था। भाजपा ने टीएमसी को बदनाम करने के लिए संदेशखाली में रेप की साजिश रची थी। दरअसल, वहां रेप हुआ ही नहीं था। तीन में से दो महिलाओं ने कल वहां रेप की अपनी शिकायत वापस लेकर भाजपा को करारा झटका दिया है। पीएम मोदी ने अपनी कई चुनावी सभाओं में संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का जिक्र किया था।
मिली जानकारी के अनुसार, गत बुधवार को एक महिला और उसकी सास ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी झूठी शिकायत से जुड़ना नहीं चाहते। हमारे पड़ोस में कोई भी हमसे बात नहीं कर रहा है। जब मैंने उनसे झूठी शिकायत वापस लेने के लिए कहा, तो मुझे भगा दिया गया।’ महिला ने दावा किया कि एक दिन दो महिलाएं उनके घर आर्इं और उसकी सास को पुलिस स्टेशन ले गर्इं। वे पुलिस स्टेशन गर्इं, तो गेट अंदर से बंद था। मेरी सास ने केवल इतना कहा कि उन्हें १०० दिनों की नौकरी योजना के तहत खाना पकाने के लिए अपना बकाया अभी तक नहीं मिला है। फिर उनसे एक श्वेत पत्र पर हस्ताक्षर करवाए गए। हमें मामलों के बारे में पता नहीं था।’ महिला ने कहा कि उसे बाद में पता चला कि वह और उसकी सास उन महिलाओं की सूची में थीं, जिन्होंने स्थानीय तृणमूल नेताओं पर बलात्कार का आरोप लगाया था। उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ। यह स्क्रिप्टेड, झूठे आरोप थे।’ बता दें कि उत्तर २४ परगना जिले के शाहजहां शेख पर आरोप था कि उसने कई मामलों का यौन उत्पीड़न किया है और उनकी जमीनों पर भी कब्जा किया है। इस मामले पर भाजपा ने टीएमसी को जमकर घेरा था। यही नहीं लोकसभा चुनाव में भी यह मुद्दा बना हुआ है। ऐसे में दो महिलाओं का यूटर्न लेना चौंकाने वाला है। महिला ने कहा कि मेरा यौन उत्पीड़न नहीं हुआ था। यही नहीं, शिकायत वापस लेने वाली एक महिला ने संदेशखाली पुलिस थाने में एक केस भी दर्ज कराया है। इस एफआईआर में उसने आरोप लगाया है कि उसे धमकियां मिल रही हैं और सामाजिक बहिष्कार की स्थिति है, क्योंकि वह अपनी शिकायत वापस ले रही है। महिला ने आरोप लगाया कि भाजपा महिला मोर्चा की एक स्थानीय नेता और अन्य कुछ सदस्य उसके घर आए थे। इन लोगों ने उससे एक जगह साइन कराए थे और उसके बाद ही फर्जी शिकायत थाने में दी गई।