-अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने फिर साधा पीएम पर निशाना
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में एक बार फिर से मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार एक बार फिर आती है तो देश में स्वतंत्र तरीके से चुनाव नहीं होंगे। बता दें कि भारत में लोकसभा चुनावों की प्रक्रिया चल रही है। ७ चरणों के मतदान में तीन चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। चौथे चरण के लिए आज यानी १३ मई को १२ राज्यों में वोट डाले जाएंगे। इसी बीच एबीपी देशम को राजनीतिक अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार और १८वीं लोकसभा चुनाव के बारे में बातें की।
प्रभाकर ने इस इंटरव्यू के दौरान `प्राचीन गौरव और रंगीन भविष्य’ पर जोर देकर वर्तमान समस्याओं से जनता का ध्यान हटाने की बीजेपी की रणनीति की भी जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा, `बीजेपी ने देश की जनता के बीच लगातार गौरवशाली अतीत और एक आशाजनक भविष्य की तस्वीरें खींची हैं, जो प्रभावी रूप से वर्तमान समस्याओं से ध्यान भटका रही हैं।’ भाजपा के आर्थिक मॉडल का स्पष्ट मूल्यांकन करते हुए प्रभाकर ने सरकार के आर्थिक विकास और दलितों के उत्थान के दावों पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने बीजेपी पर आर्थिक सफलता की `झूठी कहानी’ बनाने के लिए आंकड़ों में हेर-फेर करने का आरोप लगाया है। प्रभाकर ने सरकार के दावों की विश्वसनीयता को चुनौती देते हुए कहा, `बीजेपी अपने एजेंडे के अनुरूप संख्याओं को तोड़-मरोड़ रही है।’ दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर पहले भी कई बार मोदी सरकार की आलोचना कर चुके हैं। वह प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के आलोचक हैं और उन्होंने इस इंटरव्यू में भी वर्तमान सरकार के प्रदर्शन की निंदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। परकला प्रभाकर कहते हैं कि भाजपा की पिछली जीत भ्रष्टाचार के खिलाफ कहानी और यूपीए-२ सरकार के प्रति असंतोष के साथ-साथ शिक्षित मध्यम वर्ग के बीच मोदी की मजबूत छवि से प्रेरित थी। लेकिन इस बार इस पार्टी की चुनावी किस्मत २३० सीटों से अधिक होने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों और जमीनी हकीकत के बीच जमीन आसमान का अंतर है। प्रभाकर ने कहा कि अगर देश में गरीबी सचमुच कम हुई है, जैसा कि बीजेपी का दावा है तो हम ८३ करोड़ लोगों यानी आबादी के इतने बड़े हिस्से को खाद्यान्न क्यों बांट कर रहे हैं?
जान से मारने की मिली है धमकी
प्रभाकर ने इसी इंटरव्यू में यह भी खुलासा किया कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुखर होने के कारण उन्हें जान से मारने की धमकी वाले कॉल्स का सामना करना पड़ता है। उन्होंने गुजरात में एक मीटिंग आयोजित करने के दौरान हुई परेशानियों की कहानी सुनाते हुए कहा, `मेरे शुभचिंतकों ने सुझाव दिया था कि मैं गुजरात न आऊं, क्योंकि उन्हें जानकारी मिली थी कि उस बैठक में मुझ पर हमला हो सकता है। हालांकि, प्रभाकर ने बावजूद इसके अमदाबाद की अपनी यात्रा रद्द नहीं की। इस यात्रा के दौरान वह उस बैठक में शामिल भी हुए और मोदी शासन के खिलाफ बात भी की।