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बुजुर्गों के साथ किराए में भाजपा का खेल …मेट्रो में छूट, रेलवे में बंद!

सामना संवाददाता / मुंबई
कोरोना काल से ही मोदी सरकार ने बुजुर्गों को ट्रेन यात्रा में मिलनेवाली छूट खत्म कर दी थी। केंद्र सरकार द्वारा बंद की गई वह छूट अब तक बंद ही है, जबकि कोरोना काल भी खत्म हो गया। वरिष्ठ नागरीकों को दी जानेवाली छूटबंदी से हुई कमाई के बारे में लोगों द्वारा कई बार आरटीआई डालकर सरकार से प्रश्न भी पूछा गया, परंतु ‘ईडी’ सरकार ने इस विषय में जानकारी देने से मना कर दिया।
चुनाव के पहले शिंदे सरकार का चुनावी लॉलीपॉप
आने वाले दिनों में महराष्ट्र के अंदर महानगरपालिका, विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए शिंदे सरकार द्वारा मेट्रो-लाइन २ए और ७-के किराए में २५ प्रतिशत की रियायत मात्र एक चुनावी झुनझुना है। शिंदे सरकार यह भली प्रकार जानती है कि महाराष्ट्र के बुजुर्गों और विद्याथियों का झुकाव कहीं न कहीं शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रति है। यह डर उनके मन में भली प्रकार है, इसलिए आगामी चुनाव के लिए यह आम नागरिकों के लिए एक लॉलीपॉप मात्र है।

क्या है मेट्रो ऑफर?
शिंदे सरकार ६५ वर्ष से अधिक आयु के नागरिक, ‘दिव्यांग’ (विकलांग) व्यक्ति और १२वीं कक्षा तक के छात्र को १ मई महाराष्ट्र दिवस से मेट्रो-लाइन-२ए और ७-के किराए में २५ प्रतिशत की छूट दे रही है। इसका लाभ उठाने के लिए दिव्यांग व्यक्तियों को विकलांगता के लिए चिकित्सा या सरकारी प्रमाण पत्र जैसे वैध दस्तावेज जमा करने होंगे, वहीं वरिष्ठ नागरिकों को आयु प्रमाण देना होगा। छात्रों को रियायत के लिए पात्र होने के लिए स्कूल आईडी के साथ अपने या अपना माता-पिता का पैन कार्ड दिखाना होगा।

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