सामना संवाददाता / नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने बीते हफ्ते अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे में कोटा दिए जाने को मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि एससी-एसटी कैटेगरी के भीतर नई सब कैटेगरी बनाकर अति पिछड़े तबकों को अलग से रिजर्वेशन दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर बीएसपी, कांग्रेस समेत अनेक राजनीतिक दल असहमति दिखा रहे हैं। वहीं अब इसको लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।
अखिलेश यादव ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा की विश्वसनीयता शून्य हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हर बार अपने गोलमोल बयानों और मुकदमों के माध्यम से आरक्षण की लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश करती है, फिर जब पीडीए के विभिन्न घटकों का दबाव पड़ता है तो दिखावटी सहानुभूति दिखाकर पीछे हटने का नाटक करती है।
मायावती ने भी किया विरोध
इससे पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी इसको लेकर कोर्ट के पैâसले का विरोध किया था। मायावती ने कहा था कि एससी और एसटी को दिए गए आरक्षण को खुद खत्म करने के बजाय, वे इसे कोर्ट के जरिए से खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं और वे इसमें ज्यादातर सफल भी रहे हैं। एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने भी कोर्ट में इसका विरोध नहीं किया।