सामना संवाददाता / नई दिल्ली
हरियाणा विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को बागियों की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि अब `कलियुगी चाणक्य’ यानी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का सर भी चकराने लगा है। भाजपा के बागियों की वजह से ही लगता है हरियाणा का रण भाजपा युद्ध से पहले ही हार गई है। जिसकी झलक कल रेवाड़ी में देखने को मिली, जहां अमित शाह रैली कर रहे थे।
कहा जा रहा है कि इस बार हरियाणा में जैसी स्थिति है, उसमें करीब एक दर्जन सीटों पर बीजेपी का खेल उनके अपने ही खराब कर सकते हैं। भाजपा के भीतर यह डर झलक भी रहा है। शुक्रवार को रेवाड़ी के मंच से बीजेपी के अमित शाह ने बागियों को तरजीह न देने की बात कही। रेवाड़ी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि कुछ लोग पार्टी के खिलाफ ही खड़े हो गए हैं। उन लोगों पर ध्यान नहीं देना है। पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के पक्ष में ही मतदान करना है। पार्टी ने अभी तक किसी भी बागियों पर सख्ती नहीं दिखाई है, लेकिन कहा जा रहा है कि जल्द ही बागी नेताओं पर कार्रवाई हो सकती है।
बता दें कि रेवाड़ी की ३ सीटों पर भी बागियों की वजह से बीजेपी टेंशन में है। यहां २०१९ में बागी पार्टी की खेल बिगाड़ चुके हैं। रेवाड़ी से इस बार सतीश यादव, प्रशांत यादव पार्टी के अधिकृत उम्मदीवार के खिलाफ मैदान में हैं। इन नेताओं की नाराजगी राव इंद्रजीत सिंह से है।
बागी बिगाड़ेंगे भाजपा का खेल
बीजेपी के लिए जिन सीटों पर बागियों ने पार्टी की टेंशन बढ़ा रखी है। उनमें मुख्यमंत्री की सीट लाडवा, रेवाड़ी, तोशम, हिसार, भिवानी, पृथला, बेरी, रानिया, पुंडरी और गन्नौर प्रमुख हैं। भाजपा के बागी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उनमें रानिया से रणजीत सिंह, तोशाम से शशि रंजन परमार, गन्नौर से देवेन्द्र कादयान, पृथला से नयन पाल रावत और दीपक डागर, लाडवा से संदीप गर्ग, भिवानी से प्रिया असीजा, रेवाड़ी से प्रशांत सन्नी, सफीदों से बच्चन सिंह और जसवीर देशवाल, बेरी से अमित, महम से राधा अहलावत, झज्जर से सतबीर सिंह, इसराना से सत्यवान शेरा का नाम शामिल है।