सामना संवाददाता / मुंबई
अधिक मांगों वाले बीजों की कृत्रिम कमी दिखाकर उनकी धड़ल्ले से कालाबाजारी चल रही है। कालाबाजारी में लिप्त लोग ८६४ रुपए के बीज के पैकेट को बाकायदा १,३०० से १,४०० रुपए तक बढ़ाकर बेच रहे हैं। इसके बावजूद सरकार गहरी नींद में सो रही है। इस तरह का गंभीर आरोप राकांपा (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पवार ने लगाया है। उन्होंने इस संबंध में सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर एक पोस्ट के जरिए राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
महाराष्ट्र में मानसून जल्द ही प्रवेश करेगा। इसके साथ ही किसान भी बुआई में जुट गए हैं, लेकिन किसानों को जो बीज चाहिए वह बाजार में उपलब्ध ही नहीं है। ऐसे में विपक्षी दल के नेता आरोप लगा रहे हैं कि बीज की भारी किल्लत है। इस संबंध में विपक्षी नेता विजय वडेट्टीवार ने भी आलोचना की। अब इस मामले में विधायक रोहित पवार ने भी सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि पूरे राज्य से शिकायतें आ रही हैं कि अराजक प्रशासन और कृषि विभाग की खराब योजना के कारण कई जगहों पर कपास के बीज उपलब्ध नहीं हैं। अधिक मांग वाला ८६४ रुपए वाला बीज का पैकेट ब्लैक में १,३०० से १,४०० रुपए तक के ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा है। इस स्थिति का लाभ उठाते हुए कई स्थानों पर बीजों को उर्वरक के रूप में भी जोड़ा जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि जब ऐसा हो रहा है तो सरकार गहरी नींद में सो रही है। उन्होंने मांग की है कि सरकार इस मामले पर तुरंत संज्ञान ले और किसानों को इस परेशानी से मुक्त करे। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने भी सरकार का घेराव करते हुए कहा था कि किसान कपास के बीज के लिए मारामारी कर रहे हैं।