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दिखाई देगा `ब्लू मून’… आपका `चांद’ करीब होगा!

• पूर्णिमा से ७ प्रतिशत अधिक बड़ा •१६ प्रतिशत ज्यादा चमकीला

एजेंसी / नई दिल्ली
कोई भी इंसान खूबसूरती की तारीफ करते समय अक्सर चांद का उदाहरण देता है। साथ ही वैज्ञानिक के साथ आम इंसान भी चांद पर पहुंचने, उसे पास से देखना चाहता है। चांद पर जीवन एवं अन्य जानकारी हासिल करने के लिए हिंदुस्थान का चंद्रयान-३ चांद पर जल्द ही लैंडिंग करने वाला है। इसी बीच खबर आई कि सुपरमून का नजारा दिखाई दिया, यानी चांद धरती के बहुत करीब था। हालांकि, सुपरमून का नजारा दिल्ली, लखनऊ, बंगलुरु और पंजाब में दिखाई दिया, लेकिन बादलों की घनी चादर के कारण कोलकाता में लोग सुपरमून देखने से चूक गए। अब आपका चांद फिर आपके करीब होगा। इस बार ब्लू मून का नजारा ३० अगस्त को दिखाई देगा।
खगोल वैज्ञानिक देबीप्रसाद के अनुसार, मंगलवार की रात चंद्रमा पृथ्वी से ३,५७,५३० किमी की दूरी पर था। उन्होंने कहा कि ३० अगस्त को चंद्रमा और भी करीब होगा। तब पृथ्वी से उसकी दूरी महज ३,५७,३४४ किलोमीटर होगी। इस दौरान ‘ब्लू मून’ दिखाई देगा। बता दें कि इससे पहले जून के महीने में भी एक सुपरमून देखने को मिला था, जिसे स्ट्रॉबेरी मून का नाम दिया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि यह स्ट्रॉबेरीज की खेती के दौरान पड़ा था। दूसरा और तीसरा सुपरमून अगस्त के महीने में पड़ रहा है, जिसे स्टर्जन मून और ब्लू मून के नाम से जाना जा रहा है। साल का आखिरी सुपरमून देखने का मौका सितंबर में मिलेगा।

२०३७ में फिर बनेगी ऐसी स्थिति
देबीप्रसाद दुआरी ने बताया कि अंतिम बार एक ही महीने में दो सुपरमून २०१८ में देखे गए थे और ऐसी अगली घटना २०३७ में देखी जाएगी। गौरतलब है कि चंद्रयान-३ के २३ अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी से सुपरमून सामान्य पूर्णिमा की तुलना में सात प्रतिशत बड़ा और १६ प्रतिशत अधिक चमकीला दिखाई देता है। बता दें कि पृथ्वी और उसके चंद्रमा के बीच की औसत दूरी ३,८४,००० किमी है। पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की कक्षा अंडाकार है। इस वजह से ये दूरी बदलती रहती है और यह न्यूनतम ३,५६,००० किमी से लेकर अधिकतम ४,०४,००० किमी तक हो सकती है।

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फेक आलिया