मुख्यपृष्ठनए समाचार१२वीं में दो बार होंगी बोर्ड परीक्षाएं ....लागू होगा सेमेस्टर सिस्टम!

१२वीं में दो बार होंगी बोर्ड परीक्षाएं ….लागू होगा सेमेस्टर सिस्टम!

•  छात्रों के पास होगा विकल्प
सामना संवाददाता / मुंबई
१२वीं में पढ़ने वाले बच्चों को जल्द ही बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार देने का मौका मिलेगा, जो बिल्कुल कॉलेजों के सेमेस्टर सिस्टम की तरह होगा। इसमें हर छह महीने पर परीक्षाएं करवाई जाएंगी। इतना ही नहीं, छात्रों के पास विकल्प होगा कि वे साइंस और आर्ट्स दोनों ही स्ट्रीम के सब्जेक्ट्स की पढ़ाई कर पाएं। नेशनल करिकुलम प्रâेमवर्क तैयार करने के लिए केंद्र की तरफ से नियुक्त किए गए विशेषज्ञ पैनल की तरफ से इन सिफारिशों को किए जाने की संभावना है।
ज्ञात हो कि यह सिफारिश नेशनल एजुकेशन पॉलिसी २०२० में भी की गई थी। विशेषज्ञ पैनल साल में दो बार बोर्ड परीक्षा और १२वीं कक्षा के लिए सेमेस्टर सिस्टम की सिफारिश कर सकता है। देशभर के स्कूल बोर्ड में ११वीं और १२वीं क्लास के स्टूडेंट के लिए आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस के बीच दायरे को खत्म करने की सिफारिश की जाएगी। स्टूडेंट्स को साइंस और ह्यूमैनिटीज के सब्जेक्ट पढ़ने की इजाजत दी जा सकती है। इसरो के पूर्व चेयरपर्सन के कस्तूरीरंगन के तहत १२ सदस्यों वाली स्टीरिंग कमेटी द्वारा एनएफसी को ड्राफ्ट किया जा रहा है।

१०वीं की भी बदल जाएगी संरचना
एक्सपर्ट पैनल द्वारा दिए गए सुझावों को अपनाने के बाद ९वीं और १०वीं क्लास की संरचना में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। छात्रों को एक साल में आठ पेपर वाला परीक्षा देना होगा। वर्तमान में सीबीएसई समेत अधिकतर बोर्ड्स के स्टूडेंट्स को १०वीं में पास होने के लिए कम से कम पांच विषय क्लियर करने होते हैं। १०वीं के लिए कमिटी एनुअल सिस्टम की सिफारिश कर सकती है।

किताबों में भी होगा बदलाव
सूत्रों ने बताया कि एनसीएफ का ड्राफ्ट लगभग पूरा हो चुका है। इसे जल्द ही अपलोड भी कर दिया जाएगा, ताकि इस पर फीडबैक लिया जा सके। आखिरी बार कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल में २००५ में नेशनल करिकुलम प्रâेमवर्क में बदलाव किया गया था। नए एनसीएफ में किताबों में भी बदलाव किया जाएगा। इसकी शुरुआत एनसीआरटी किताबों से हो चुकी है। हाल ही में सीबीएसई बोर्ड के लिए एनसीआरटी ने नई किताबों को जारी किया है।

कम से कम पांच विषयों की देनी होती है परीक्षा
वर्तमान में सीबीएसई बोर्ड के छात्रों को १२वीं की बोर्ड परीक्षा में कम से कम पांच और अधिकतम छह विषयों का पेपर देना होता है। इस वजह से उनके पास कई विषयों की पढ़ाई करने का मौका नहीं मिलता है। आसान शब्दों में कहें तो अगर किसी छात्र ने साइंस स्ट्रीम चुना है तो अब उसके पास फिजिक्स, मैथ्स और केमेस्ट्री के कॉबिनेशन की पढ़ाई करनी होगी। वह इसके साथ इतिहास और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई नहीं कर सकता है।

अन्य समाचार