मुख्यपृष्ठटॉप समाचारकर्जदार हिंदुस्थान: १५५.६० लाख करोड़ पहुंचा कर्ज!

कर्जदार हिंदुस्थान: १५५.६० लाख करोड़ पहुंचा कर्ज!

नौ साल में २.६५ गुना बढ़ा कर्ज का अनुपात
पैदा होते ही बच्चे के सिर पर जन्म से ही १.२ लाख रुपए का बोझ
सामना संवाददाता / मुंबई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले नौ साल के कार्यकाल में देश के कर्ज का अनुपात २.६५ गुना बढ़ गया है। बताया गया है कि यह रकम अब १५५.६० लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। यह कर्ज पिछले ३१ मार्च तक दर्ज देश की कुल जीडीपी का ५७.१० फीसदी है। साल २०१४ में देश पर ५८.६ लाख करोड़ रुपए का कर्ज था। इसकी रकम उस वक्त जीडीपी का ५२.२० फीसदी थी।
नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने हिंदुस्थान के कर्ज को ढाई गुना से अधिक कर दिया है, जो २०१४ में ५५ लाख करोड़ रुपए से बढ़कर अब १५५ लाख करोड़ रुपए हो गया है। आरोप है कि ६७ साल में जहां १४ प्रधानमंत्रियों ने मिलकर ५५ लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया, वहीं मौजूदा सरकार ने अपने ९ साल में इसको तिगुना करके १५५ लाख तक करोड़ पहुंचा दिया। मतलब ९ साल में देश का कर्ज १०० लाख करोड़ से भी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में आज हिंदुस्थान में पैदा होनेवाले हर बच्चे के सिर पर जन्म से ही १.२ लाख रुपए का कर्ज है। देश इस विशाल कर्ज को चुकाने के लिए हर साल ११ लाख करोड़ रुपए खर्च करता है। हिंदुस्थान का कर्ज और जीडीपी अनुपात ८४ प्रतिशत तक बढ़ गया है, जो अन्य विकासशील और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के ६४.५ प्रतिशत की तुलना में खतरनाक है।

गरीबी रेखा के नीचे २३ करोड़ लोग
बताया गया है कि देश के २३ करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं, लेकिन अरबपतियों की संख्या पिछले दो साल में १०२ से बढ़कर १६६ हो गई है। देश की केवल तीन प्रतिशत संपत्ति के साथ सबसे नीचे की ५० प्रतिशत आबादी जीएसटी में ६४ प्रतिशत योगदान दे रही है, जबकि मध्यम वर्ग का योगदान ४० प्रतिशत है। इसकी तुलना में देश की ८० फीसदी संपत्ति के मालिक सबसे अमीर लोग महज ३-४ फीसदी योगदान दे रहे हैं।

ब्याज के रूप में ९.२८ लाख करोड़ रुपए
साल २०१८-१९ में हिंदुस्थान कर्ज के ब्याज के तौर पर ५.८३ लाख करोड़ रुपए चुका रहा था। साल २०२२-२३ में यह रकम बढ़कर ९.२८ लाख करोड़ रुपए हो गई। केंद्र सरकार ने २०२५-२६ तक वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के ४.५ प्रतिशत से कम करने का लक्ष्य रखा है।

देश पर कर्ज (लाख करोड़ में)
वित्तीय वर्ष कर्ज
२०१९-२० १०५.२०
२०२०-२१ १२१.०९
२०२१-२२ १५५.६०

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