संतोष मधुसूदन चतुर्वेदी
भईया आज कौ समै भौतही खराब आय गयौ है। जासूं काऊ पै हू विस्बास करबे की जरूरत नांयनें। जैसें नस’न मै खून बहै बांई तरै सूं भ्रस्टाचार कैंसर की तरियां फैल गयौ हतै और बौ भौत बड़ौ सिस्टाचार बन गयौ हतै। जा लियै कहबे मै कछु सार नांयनें। भूमाफिया, दलाल अरू परसासन की तिकड़ी मै बेचारी गरीब जनता फस गई हतै। परसासन चित्त हू मेरी अरू पट्ट हू मेरी। मतलब दोनों हाथ’न मै लड़ुआ। दिल्ली ते लैकें प्रयागराज तक एक भौत बड़ी खादर (नदी किनारे) की जमीन हतै। भूमाफिया’न नें बा जमीन पै पिलौट काटकें गरीबन कों बेची हती। बा पै भौत तरै की आवास योजना’न के तहत घर बनबाय हैए। बिनकों सब्सिडी हू दई हती। रजिस्ट्री विभाग’नन ने पिलौट’न की आंख मूंदकें रजिस्ट्री कर दई। न कोऊ जाँच न कोऊ परताल। गरीब’न नै बा जगै पै अपने घर बनबाय लीयै। अब जमना जी मै आय गई बाढ़। तौ है गयौ अनर्थ। बिनके घर’न में बाढ़ कौ पानी भर गयौ अरू बिनकौ बहुतहि नुकसान है गयौ। बिन घर’न की नींव मै पानी जाइबे की बजै सौं बे कबू धस सकें। अब जबहु गरीब अपने घर’न मै रहबे कौ आमेंगे तौ कोऊ बड़ी घटना हैवे की उम्मीद भौत जादा हतै। हजार’न परिवार कबहु काल के गाल मै जाय सकैं। या लीयै सावधान रहबे की जरूरत हतै। सगरे’न नें अपनी रकम लैकें किनारों कर लीयौ। भोगैगी बिचारी आम जनता। अब नयौ पूँछल्लो छोड़ो जाय रौ हतै कि ये जगै बाढ़ छेत्र हतै। हरद लगै न फटकरी रंग चोखौ ही चोखौ। अब बा जगै कौं सरकार सों बाढ़ग्रस्त घोषित करबाइकें राहत राशि खाइबे की तैयारी’न में परसासन लग गयौ हतै। बेचारे गरीब’न की आज बौ दुरदसा है गई है कि बे न इत्तिन के रहे न बित्तिन के। पूरे देश मै येही चल रौ हतै। छेत्र की सांसद नै तौ मुख्यमंत्री कौ चिट्ठी हू लिख दई हतै। चिठ्ठी मै जांच की हू बात कही हतै। ऐसौ बतायौ जाय रौ हतै कि खादर की जगै’न की रजिस्ट्री नाय है सवैâ। अब बिन बिचारे गरीबन कौ तौ बैंड बज गयौ। देखते जाऔ भ्रस्टाचार मै स्थानीय परसासन ते लैकें सगरो देश पूरी तरै लिपौ भयौ हतै, जाके जबहु पतरा खुलिंगे तौ भौत बड़ौ कारौ कारनामौ सामनें आबेगौ।