नवीन सी. चतुर्वेदी
एक दिन घुटरूमल जी हमारे पास आये और बोले भाईसाब हमें नेता बननों है, हमें नेता बनवे कौ नुस्खा बताय देउ। पहलें तौ हमनें विनें ऊपर सों नीचे तक देखौ फिर पूछी यै बताऔ आप का टाइप के नेता बननों चाहौ? घुटरूमल बोले भैया जैसे आजकल मार्वेâट में चल रहे हैं, बस वैसौ ही नेता बननों है हमें। हम समझ गये कि इन्हें नेता नाँय लेता बननों है। हमनें कही भैया आजकल की मार्कीट में चलवे वारे चलउअल टाइप नेता बनवे के अनेक नुस्खा हैं, हम आप कों सब सों सरल नुस्खा बतामें। आप नें यै कर लियौ तौ हर पार्टी वारौ आपकी आरती उतारवे लगैगौ।
सुनों, सब सों पहलें तौ चीकनों घड़ा बननों है। एकदम चीकनों, ऐसौ चीकनों कि पानी की बूँद हू ठहर न पाय। जाय जो कहनों है कहतौ रहै अपुन कों सुननों ही नाँय। अगर सुननों पर हू जाय तौ या कान सों सुननी और वा कान सों निकार दैनी। और यदि सामने वारौ अपुन सों तगड़ौ होय, टारगेट कर कें अपुन कों जिच्च कर हू देय तौ विषय बदल दैनों। अगर वौ पूछै कि आप नें महँगाई दूर क्यों नहीं करी? तौ अपुन कों या बात कों सुननों ही नाँय उलटें वा सों पूछनों बताऔ आजकल राई और मैथी के का भाव हैं? कितने रुपा किलो मिल रही हैं? दारी कौ चारौ खाने चित्त है जायगौ। वौ का वा की घरवारी हू जवाब नाँय दै पायगी।
दूसरी बात राजनीतिक किरकेट कौ आल साइड बैट्समैन बननों होयगौ। मतबल लेफ्ट बारे बुलामें तौ लेफ्ट हैंड बैटिंग और राइट वारे बुलामें तौ राइट हैंड बैटिंग। और जरूरत परै तौ कभू-कभू हेलीकॉप्टर शॉट हु लगाय दैने। गेम खेलौ न खेलौ लेकिन गेम चेंजर जरूर बन जानों। सब कों लगनों चैंयें कि आप केवल विन के संग हौ, मगर खुद आप हू कों पतौ न होय कि अगले क्षण आप कौन सी टीम के संग खेलवे वारे हौ। अब कोउ आप ते पलटू राम कहै तौ कह्यौ करै चीकने घड़ा तौ आप पहले सों हौ ही।
तीसरी बात आप कों एसी की डिग्री लैनी होयगी। एसी मतबल एयर कंडीशन नाँय, एसी बोले तौ आर्ट ऑफ चमचई। आप जैसौ जूनियर नेता होय या सीनियर चमच’न की जरूरत सबकों परै। मत भूलौ हर चमचा एक नेता है और हर नेता एक चमचा।
चौथी और सब सों जरूरी बात आप कों बेसरमी में पीएचडी करनी होयगी। लाज सरम खूँटा पै। भाषण और आश्वासन तौ दैवे के लिएं होमें हैं, याद रखवे के लिए नाँय। इन्हें तभी याद रखनों है जब इन सों कछू सिद्धि होती होय अन्यथा रात गयी बात गयी। बेसरमी के मामले में नंबर वन की पोजिशन आप के पास ही रहनी चैंयें। आप सों पहले के नेता नें हर शिलान्यास पै अपने नाम कौ बोर्ड लगायौ होयगौ। आप कों बस यै करनों है कि ठीक वा ही जगें अपने घोंटू के मुड़ामन के उपलक्ष्य में काहु भी मंदिर, मस्जिद या गिरजाघर कौ शिलान्यास कर कें अपने नाम कौ बोर्ड लगाय दैनों है। अब जिन्हें मूड़ माथे कूटने हैं कूटौ करें। आप तौ बस बोर्ड लगाऔ और घर की घटिया चढ़ जाऔ। का कही पब्लिक की का कहैगी? अरे पब्लिक की चिन्ता मत करौ। जाय खुद कौ होस नाँय वौ आप सों का कहैगी। पब्लिक होस में होती तौ बड़े-बड़े’न के होस ठिकानें लगाय देती। जाऔ और प्रेक्टिस करौ चलउअल नेता बनवे की। ऑल द बेस्ट।