• लोकनिर्माण कार्य विभाग ने की कार्रवाई
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मुंबई के भायखला स्थित गरीबों के अस्पताल जेजे में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के इमारत का निर्माण कार्य बीते ढाई सालों से शुरू है। इस अस्पताल के निर्माण कार्य को तीन सालों में पूरा होने की उम्मीद थी। हालांकि, ठेकेदार कंपनी को दी गई अवधि पूरी होनेवाली है। लेकिन अभी तक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण अधूरा है। ऐसे में निर्माण कार्य में घोटाला करनेवाले जेजे अस्पताल के दागदार ठेकेदार कंपनी पर लोकनिर्माण विभाग ने दंड लगाया है। इस बीच पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यदि समय पर ठेकेदार कंपनी ने काम को पूरा कर दिया तो दंड की राशि उसे वापस कर दी जाएगी।
राज्य के सबसे बड़े भायखला स्थित जेजे अस्पताल के कायाकल्प की शुरुआत महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई थी। उस समय अस्पताल में तेजी से काम शुरू था। आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में ही जेजे के प्रांगण में सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के इमारत का भी निर्माण कार्य तेजी से शुरू किया गया था। उस समय अस्पताल प्रशासन की तरफ से कहा गया था कि देश के बेहतरीन अस्पतालों की फेहरिस्त में सुमार करने के लिए यहां की सुविधाओं को और बेहतर करते हुए उन्हें बढ़ाया जाएगा। हालांकि, आठ महीने पहले सत्ता में `ईडी’ की सरकार के आते ही अस्पताल के निर्माण की रफ्तार धीमी पड़ गई। आलम यह है कि ठेकेदार कंपनी की लापरवाही के चलते सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का काम समय पर पूरा होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। दूसरी तरफ अस्पताल की इमारत में हो रही देरी पर संज्ञान लेते हुए लोकनिर्माण विभाग ने ठेकेदार कंपनी पर दंड लगाया है। विभाग के अधिकारी शिंगाड़े ने स्पष्ट किया है कि काम करनेवाली कंपनी एक नामचीन कंपनी है।
रु. ७७८ करोड़ का है ठेका
पीडब्ल्यूडी विभाग के अभियंता शिंगाडे ने बताया कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल निर्माण का वर्क ऑर्डर जुलाई २०२० में निकला था। इस बीच कोविड महामारी का संकट आ गया, जिस कारण काम में देरी हुई। इसके साथ ही अस्पताल की इमारत निर्माण के लिए जगह भी निश्चित नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि मनपा और गृह विभाग से ब्लास्टिंग की अनुमति भी देरी से मिली, जिसके चलते साल २०२१ में जगह सुनिश्चित हुई और इमारत का निर्माण शुरू किया गया। इस काम का ठेका ७७८ करोड़ रुपए में दिया गया है। उन्होंने कहा कि ४०७ करोड़ की लागत में केवल अस्पताल के स्ट्रक्चर को खड़ा किया जाएगा, जबकि शेष राशि अन्य कामों पर खर्च होगा।
बढ़ेंगे अतिरिक्त १,२०० बेड्स
मरीजों को तत्काल और प्रभावी उपचार देने के लिए अस्पताल की १० मंजिला नई इमारत बनाई जा रही है। अस्पताल के डीन डॉ. पल्लवी सापले के मुताबिक, अस्पताल को देश के बेहतरीन अस्पतालों जैसा बनाया जाएगा। साथ ही इसमें स्वास्थ्य से जुड़ी शिक्षाएं विद्यार्थियों को दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि नई इमारत में न केवल बेड्स की संख्या बढ़ेंगी, बल्कि सुविधाएं भी बेहतर होंगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में नई इमारत के निर्माण के बाद १,२०० बेड्स और बढ़ जाएंगे। साथ ही ऑपरेशन थिएटर १८ से बढ़कर २१ हो जाएंगे। इस समय करीब १,३५२ बेड्स हैं।
अस्पताल में बनेगा हैलीपैड
महाराष्ट्र सरकार के सबसे बड़े जेजे अस्पताल में मरीजों को इमरजेंसी के दौरान देश के किसी भी कोने से उपचार हेतु लाने के लिए हेलिपैड सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इससे पहले चर्चा थी कि किन्हीं कारणों के चलते यह सुविधा नहीं उपलब्ध कराई जाएगी।
ये होंगी सुविधाएं
जेजे के सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में न्यूरो मेडिसिन, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, सीवीटीएस, पीडियाट्रिक सर्जरी, ईएनटी, कैथलैब सहित अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। इससे अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर हो जाएंगी। नई इमारत में लगभग हर तरह के अंग प्रत्यारोपण की सुविधा मिलेगी। जानकारी के अनुसार, यहां फिलहाल किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा है। लेकिन नई इमारत में हार्ट, लीवर, बोनमैरो सहित दूसरे तरह के प्रत्यारोपण किए जाएंगे। कुछ बेड्स उन मरीजों के लिए होंगे, जिन्हें दिनभर के उपचार की जरूरत होती है। इसमें ब्लड ट्रांसफ्यूजन आदि शामिल हैं।