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ब्रेकिंग ब्लंडर : सत्ता की गोद के फायदे

राजेश विक्रांत

कहते हैं कि जब आप सत्ता की गोद में बैठ जाएं तो कोई आपका बाल बांका नहीं कर सकता। सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का? हाई कोर्ट भी गोदी से डरती ही है इसीलिए दिल्ली हाई कोर्ट ने एक प्रकार से रजत शर्मा को क्लीन चिट दे दी है कि वे गालीबाज पत्रकार नहीं हैं। वे संभ्रांत नागरिक व जिम्मेदार पत्रकार हैं। विपक्षी पार्टी ने उन्हें खाली फोकट में विलेन बना दिया है। विपक्ष को उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलना है और न कुछ लिखना है। अगर कुछ लिख दिया है तो उसे डिलीट कर दिया जाए।
ये होती है गोदी समुदाय की सदस्यता लेने की ताकत। आप चाहे जो कर सकते हो। आप खुलेआम गाली भी दोगे तो भी आपका कुछ नहीं बिगड़ेगा। आप विवादित पत्रकार से सुगंधित पत्रकार बन जाएंगे। गोदी समुदाय के कई फायदे हैं। आप विपक्ष के नेताओं का खुल्लमखुल्ला मजाक उड़ा सकते हैं। उन्हें गाली दे सकते हैं। आपको सत्ता पक्ष से सवाल पूछने की जरूरत नहीं होती है। आप ट्वीट कर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को निम्न/छोटी जाति के रूप में संबोधित कर सकते हैं कि `मंत्रिमंडल के विस्तार में २५ से ज्यादा ओबीसी, एससी और एसटी के चेहरे दिखाई देंगे। २० छोटे-छोटे वर्गों के लीडर्स को जगह दी जाएगी। पिछड़े और बदहाल समाज के कई नेता मंत्री बनेंगे।’ आपको कोई कुछ नहीं बोलेगा।
‘आप की अदालत’ के बहाने समाज के हर क्षेत्र के जाने माने लोगों को ‘मुजरिम’ बनाकर कटघरे में खड़ा कर सकते हैं। उनसे कड़े व कठोर सवाल पूछ सकते हैं। उनकी खिंचाई कर सकते हैं। किसी की हिम्मत नहीं कि आपको कुछ बोले। सत्ता पक्ष के लोगों से मीठे सवाल पूछना है। लेकिन मुझे एक बात समझ में नहीं आती कि किसी भगोड़े को अदालत चलाने का अधिकार किसने दिया? जो इंसान अपनी जिम्मेदारी से, अपने कर्त्तव्य से भाग जाए वो दूसरों को कठघरे में खड़ा करने का अधिकारी नहीं है। ये सज्जन (?) डीडीसीए को भ्रष्टाचार का अड्डा करार देते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। सिर्फ सवा साल वे डीडीसीए के अध्यक्ष पद पर रह पाए थे।
इस्तीफे के समय उन्होंने कहा कि इस विवादित संघ को पारदर्शी तरीके से चलाने की पूरी कोशिश की और वह इस इस्तीफे से डीडीसीए के असली चेहरे को उजागर करना चाहते हैं। आज भी डीडीसीए में ऐसे लोग जुड़े हैं, जिनकी दिलचस्पी अंतर्राष्ट्रीय मैचों से पहले अनुबंध और निविदाओं को हासिल करने में रहती है। वे खिलाड़ियों के चयन में भी दखलअंदाजी करते हैं। लेकिन विवादों से चोली दामन का रिश्ता रखने वाले रजत शर्मा की लोगों के जीवन से दखलंदाजी कब खत्म होगी?

(लेखक तीन दशक से पत्रिकारिता में सक्रिय हैं और ११ पुस्तकों का लेखन-संपादन कर चुके वरिष्ठ व्यंग्यकार हैं।)

 

 

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