एजेंसी / लंदन
जिहादी आतंकवाद की आग में सिर्फ हिंदुस्थान ही जल रहा है, ऐसी नहीं है। बल्कि ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देश में भी अब जिहादियों का जोर बढ़ता जा रहा है। ब्रिटेन में लव जिहाद के मामलों के बाद अब जेलों में धर्मांतरण का सनसनीखेज खेल चलने का सनसनीखेज खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है। ब्रिटेन सरकार द्वारा नियुक्त स्वतंत्र फेथ एडवाइजर कॉलिन ब्लूम ने २५ अप्रैल २०२३ को इस संबंध में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ‘द ब्लूम रिव्यू’ जारी की है।
‘द ब्लूम रिव्यू’ नामक उक्त रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रिटेन की जेल में रह रहे कैदियों पर उनके साथी मुस्लिम कैदी इस्लाम धर्म अपनाने के लिए दबाव डालते हैं। इसके लिए मुस्लिम कैदी साम, दाम, दंड, भेद यानी कि हर तरह के हथकंडे अपनाते है।
मुस्लमि न बननेवाले वैâदियों से मार पीट की जाती है जबकि मुस्लिम बनने के बाद उन्हें ‘सुरक्षा’ भी दी जा रही है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि नए वैâदियों के बिस्तर पर कुरान रख दी जाती है और उन कैदियों को विकल्प दिया जाता है कि या तो वो इस्लाम कबूल कर लें, वरना दर्द सहें। ब्लूम की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि जेल में कोई मुस्लिम के तौर पर नहीं पहचाना जाता, तो फिर उसे मुस्लिमों की गैंग कोई सुरक्षा नहीं देती और गैर-मुस्लिम कैदी को उसी गैंग की हिंसा और धमकियां झेलनी पड़ती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को कट्टरपंथी इस्लामवाद और इस्लाम व इस्लामी कट्टरपंथियों और आम मुस्लिमों के बीच फर्क देखने की अपनी कोशिशों को मजबूत करना होगा। कॉलिन ने सरकार से ऐसे दावों की फौरन समीक्षा करने की सिफारिश की, जिसमें कैदियों को जबरन कट्टरपंथी और जेल में धर्मांतरित किए जाने की बात है। इसके साथ ही कहा कि ये मजहब आधारित गैंग से संबंधित मुद्दा है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जेलों में किसी भी धर्म के कैदियों के मुकाबले हिंदू सबसे कम हैं, मगर रोजगार के मामले में ये सबसे अधिक हैं। रिपोर्ट के १५९ पेज में ब्लूम ने बताया है कि अभी तक मामले में ‘अपर्याप्त कार्रवाई’ की गई है। सरकार को ‘जबरन निकाह’ जैसे मुद्दों में हो रही नाइंसाफी को रोकने से पीछे नहीं हटना चाहिए। इसके साथ ही इस रिपोर्ट में कॉलिन ने ब्रिटेन में बढ़ रहे खालिस्तानी समर्थकों का मुद्दा भी सरकार के समक्ष रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘नफरत और विभाजन को बढ़ाना, युवाओं का ब्रेनवॉश करना ताकि भारत में नफरत फैले, काफी दुखदायी है। कुछ सिख कट्टरपंथी समूह धार्मिक स्थलों को फंड एकत्रित करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि घृणा फैला सकें। इस प्रकार के संगठनों को हमारे महान देश में रहने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।’
लव जिहाद पर भी मचा है बवाल
बता दें कि ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने हाल ही में बड़ा बयान देते हुए कहा था कि पाकिस्तानी मूल के लोग, ब्रिटेन में गोरी लड़कियों को ड्रग्स देते हैं और उनका बलात्कर करते हैं। गृह मंत्री का कहना है कि ब्रिटिश पाकिस्तानी पुरुष ग्रूमिंग गिरोह के सदस्य हैं, जो कमजोर ब्रिटीश लड़कियों का पीछा करने, रेप करने, ड्रग्स देने और उन्हें नुकसान पहुंचाने में लिप्त हैं। ब्रेवरमैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘अपराधी पुरुषों का एक समूह है, जिसमें करीब-करीब सभी ब्रिटिश पाकिस्तानी हैं। ये लोग ब्रिटिश मूल्यों के साथ पूर्णत: अलग सांस्कृतिक दृष्टिकोण रखते हैं।
तेजी से बढ़ रहे हैं मुस्लिम कैदी
ब्लूम की रिपोर्ट में बताया गया है कि जेलों में चल रहे धर्मांतरण के खेल से ब्रिटेन की जेलों में मुस्लिम कैदियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। रिपोर्ट में आंकड़े देते हुए बताया गया है कि वर्ष २००२ में ८ फीसदी की तुलना में २०२१ तक ब्रिटेन की जेलों में मुस्लिमों की आबादी १८ फीसदी तक बढ़ गई है। रिपोर्ट बताती है कि, ‘लंदन की जेलों में मुस्लिम पुरुष कैदियों की आबादी, जेल की कुल आबादी की कथिततौर पर करीब ३० फीसद है, जो कि लंदन की सामान्य आबादी में उनकी १५ फीसद से काफी अधिक है।’