अशोक तिवारी / मुंबई
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में महानगरपालिका और ठेकेदारों की मिलीभगत का खामियाजा आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में सड़क पर निकलने वाला व्यक्ति अपनी जान हथेली पर लेकर चलता है। उसे पता नहीं रहता है कि कहां सड़क पर मेन होल का ढक्कन टूटा है या मेन होल का दरवाजा ही खुला हुआ है। वह हमेशा इस आशंका से भयभीत रहता है कि कहीं वह गटर में गिर कर पानी में बह न जाए। कुर्ला-पश्चिम में हालाव पुल में फ्रेंड्स कॉलोनी के पास गोल बिल्डिंग के सामने बीच सड़क पर गटर के ऊपर जो ढक्कन रखा हुआ है वह पिछले एक हफ्ते से टूटा हुआ है। इस टूटे हुए ढक्कन की वजह से कई नागरिक इसमें गिरकर जख्मी हो चुके हैं। बता दें कि हलावपुल में ही कार्तिका और माइकल स्कूल है। इन दोनों स्कूलों में हजारों बच्चे प्रतिदिन पढ़ने के लिए जाते हैं, ऐसे में बच्चों के साथ अभिभावक को जान हथेली पर रखकर सड़क से गुजरना होता है। स्थानीय समाजसेवक कमलेश गुप्ता ने बताया कि उन्होंने खुद इस संदर्भ में बीएमसी में कई बार शिकायत की है, लेकिन बीएमसी के अधिकारी टूटे हुए ढक्कन को बदल नहीं रहे हैं, जिसकी वजह से हलाव पुल क्षेत्र में बड़ी दुर्घटना की आशंका बराबर बनी हुई है।