सामना संवाददाता / भोपाल
भाजपा शासित सभी राज्यों में सुशासन के दावे बड़े ही जोर-शोर से किए जाते हैं, लेकिन हकीकत बिलकुल ही अलग होती है। ताजा मामला एक बार फिर मध्य प्रदेश से सामने आया है, जहां एक ऑटोचालक ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ऑटो चालक ने अपनी शिकायत में बताया कि पुलिसवालों ने उसे पहले बेरहमी से पीटा। इसके बाद उन्होंने जबरदस्ती पेशाब पिलाया, फिर उसके पैर तोड़ दिए। ऑटोचालक की पहचान दीपक शिवहरे के रूप में हुई है। उसने बताया कि पुलिस उसे जबरन एक लूट के मामले में फर्जी रूप से फंसाना चाह रही है। यह मामला ग्वालियर जिले का बताया जाता है।
क्या है मामला?
बताया जाता है कि घटना १७ जून को हुई थी। शहर के एक सर्राफा व्यापारी की कार से १५ लाख रुपए के गहने चोरी हो गए थे। पुलिस ने कथित तौर पर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दीपक शिवहरे को हिरासत में लिया और उसी को अपराधी माना। सीसीटीवी फुटेज में दीपक का ऑटो कार के पास दिखा था। शिवहरे का आरोप है कि कोई आपराधिक रिकॉर्ड न होने के बावजूद पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। दीपक ने आरोप लगाया है कि पूछताछ के लिए हिरासत के दौरान पुलिस ने उसे बेरहमी से पीटा और उसे पेशाब पीने को मजबूर किया। इतना ही नहीं पुलिस ने उसका पैर भी तोड़ दिया।
एसपी ने दिए जांच के आदेश
मामले के सामने आने के बाद ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया कुछ सबूत शिवहरे को चोरी से जोड़ते हैं। हालांकि पुलिस के पास कुछ पुख्ता सबूत नहीं हैं। एक्स-रे रिपोर्ट में कथित तौर पर शिवहरे के पैर में फ्रैक्चर दिखाया गया है।