सामना संवाददाता / मुंबई
भूस्खलन जैसी किसी दुर्घटना के बाद हम हड़बड़ा कर जागने जैसा दिखावा करते हैं। मौके पर कुछ घोषणाएं करते हैं। उसे पूरे माहौल में लोगों को भ्रम की स्थिति में छोड़कर चले जाते हैं। लेकिन इन दुर्घटनाग्रस्तों का सुरक्षित स्थान पर स्थाई पुनर्वास करना होगा तथा उनकी रोजी-रोटी की समस्या हल करनी ही होगी, ऐसी स्पष्ट भूमिका शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल व्यक्त की। सरकार के बदलते ही ऐसी योजनाओं पर विराम लगा दिया जाता है। इस पर शर्म आनी चाहिए। ऐसा फटकारने के दौरान ही उन्होंने कहा कि इसके बाद सत्ता परिवर्तन होने के बाद भले ही कोई भी सरकार आए लेकिन योजनाओं में कोई अड़ंगा नहीं लगाए और निधि पर रोक न लगाए, इतनी तो मानवता शेष रखनी होगी।
उद्धव ठाकरे कल नडाल चौक स्थित पंचरत्न मंदिर के सभागृह में भूस्खलन प्रभावित ग्रामीणों से मिले और उनका हाल-चाल जाना। हताहत हुए ग्रामीणों के सगे-संबंधियों को उन्होंने सांत्वना दी और उनकी व्यथा सुनी। इस दौरान उन्होंने गामिणों को यह विश्वास दिलाने का प्रयास भी किया कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी। इर्शालवाड़ी में हुए हादसे के बाद सभी पार्टियों को राजनीति भूलकर एक साथ आना चाहिए और मिलकर योजनाओं को लागू करना चाहिए। उक्त विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे राजनीति नहीं करनी है। लेकिन राजनीति के लिए यह शर्मनाक बात है, ऐसा गुस्सा भी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल व्यक्त किया।