सामना संवाददाता / अंबरनाथ
एक बिल्डर के २० वर्षीय बेटे का अपहरण कर फिरौती मांगने वाले आरोपियों को अंबरनाथ पुलिस ने महज १२ घंटों के भीतर गिरफ्तार कर अपहृत युवक को सकुशल छुड़ा लिया है। पकड़े गए दो आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि सामने आई है। आरोपियों के लगातार लोकेशन बदलने के कारण पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
अंबरनाथ के बिल्डर संजय रंभाजी शेलके के २० वर्षीय बेटे को एक अर्टीगा कार चालक व उसमें बैठे लोगों ने उसकी स्विफ्ट कार को रोक कर जबरन अर्टीगा कार में बैठा लिया। उसके बाद संजय शेलके से उनके बेटे को मुक्त करने के लिए ४० करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई और न देने पर उसे जान से मार देने की धमकी दी गई। संजय द्वारा इसकी सूचना अंबरनाथ पुलिस को दी गई और अपराध की गंभीरता को देखते हुए १५ पुलिस अधिकारियों तथा ८० पुलिसकर्मियों की कुल ८ टीमें गठित कर तलाश शुरू की गई।
लोकेशन से मिली सफलता
पुलिस द्वारा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू करने पर पाया गया कि जिस अर्टिगा कार से युवक का अपहरण हुआ था उसका नंबर फर्जी था। इसके बाद लगातार अपहरणकर्ताओं का फोन आ रहा था, जिससे पुलिस ने लोकेशन का पता लगाया लेकिन वह अपना लोकेशन बदल रहे थे। अंतत: पुलिस को भिवंडी के पडघा की लोकेशन मिली और वहां पर पहुंचकर अपहृत युवक को छुड़ा लिया। इस मामले में कुल १० आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर हथियार व कार भी जब्त किए हैं। आरोपी देवीदास दत्तात्रय वाघमारे और दत्तात्रय नामदेव पवार पर पहले से ही मुंबई मनपा में फायरमैन की नौकरी लगाने के नाम पर महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों के तमाम लोगों से २ करोड़ ७५ लाख रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला आग्रीपाडा पुलिस स्टेशन में दर्ज है। सभी आरोपियों को पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किया गया जहां से ३ अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।