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लोकसभा में मतदान प्रतिशत बढ़ाकर भाजपा गठबंधन ने हथियाईं ७९ सीटें!..‘वांटेड फॉर डेमोक्रेसी’ की रिपोर्ट का खुलासा

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

केंद्र में मोदी ३.० की सरकार कैसे बनी है, अब इसका खुलासा सामने आया है। ‘वांटेड फॉर डेमोक्रेसी’ (वीएफडी) की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग की मेहरबानी से भाजपा गठबंधन ने ७९ सीटें हथियाई हैं। अगर ये खुराफात नहीं हुई होती तो किसी भी सूरत में भाजपा गठबंधन की सरकार नहीं बन सकती थी।
१८वें लोकसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग के पक्षपातपूर्ण आचरण खुलकर सामने आया है। नतीजों के १ महीने बाद वांटेड फॉर डेमोक्रेसी ने कुछ सनसनीखेज दावे किए हैं। इससे चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पूरी तरह से संदेह के घेरे में आ गई है। ‘वीएफडी’ ने चुनाव प्रक्रिया में कुछ स्पष्ट खामियों की ओर इशारा करने के अलावा ३ अन्य दावे किए हैं। इसमें प्रमुख है मतदान वाले दिन जारी आंकड़ों और अंतिम मतदान प्रतिशत में भारी अंतर।
– चुनाव आयोग की मेहरबानी
अनुमानित और अंतिम मतदान प्रतिशत में दर्ज हुआ था भारी अंतर
२०१९ में यह वृद्धि १ प्रतिशत थी, २०२४ में बढ़कर ६.३२ प्रतिशत हो गई

चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर संदेह

चुनाव आयोग की मेहरबानी से भाजपा गठबंधन ने लोकसभा चुनाव में कुल ७९ सीटें हथियाई हैं। इस बात का खुलासा ‘वांटेड फॉर डेमोक्रेसी’ (वीएफडी) ने अपनी रिपोर्ट में किया है। इसमें तीन प्रमुख दावे किए गए हैं। पहला है कि मतदान वाले दिनों शाम ८ बजे आयोग द्वारा साझा किए गए अनुमानित मतों की संख्या और अंतिम मतदान संख्या के बीच का अंतर लगभग ५ करोड़ है। वीएफडी द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कुल मतों की संख्या में इतनी तेज वृद्धि चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर संदेह पैदा करती है।’ वीएफडी ने कहा कि यह आंकड़ा ‘मतों की संख्या में चरणवार विस्तार’ को ध्यान से पढ़ने के बाद निकाला गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले चुनावों में मतदान के दिन शाम को जारी अनुमानित मतदान और अंतिम मतदान के बीच मत प्रतिशत वृद्धि लगभग १ फीसदी रही थी, जबकि १८वें लोकसभा चुनाव में सभी सात चरणों में यह अंतर ६.३२ फीसदी तक रहा। यह आंकड़ा ‘आंध्र प्रदेश में १२.५४ फीसदी और ओडिशा में १२.४८ फीसदी’ है, जबकि अंतिम मतदान प्रतिशत में वृद्धि का संचयी औसत ४.७२ फीसदी है। दूसरा, वीएफडी ने दावा किया कि अंतिम मतदान प्रतिशत में तेज वृद्धि १५ राज्यों में ७९ सीटों पर भाजपा गठबंधन की जीत के अंतर से अधिक थी, जिनमें से कई सीट एनडीए उम्मीदवारों ने बहुत कम अंतर से जीती थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन ७९ सीटों में ओडिशा की १८; महाराष्ट्र की ११; पश्चिम बंगाल की १०; आंध्र प्रदेश की ७; कर्नाटक की ६; छत्तीसगढ़ और राजस्थान की ५-५; बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश और तेलंगाना की ३-३; असम की २ और अरुणाचल प्रदेश, गुजरात तथा केरल की एक-एक सीट शामिल हैं।

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