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३५ साल से एक ही तरीके से लिखी जा रही है केस डायरी … चार्जशीट फाइल करके केस भूल मत जाइएगा!

बदलापुर कांड में सरकार को हाई कोर्ट की नसीहत
सामना संवाददाता / मुंबई
बदालापुर कांड की सुनवाई के दौरान कल मुंबई हाई कोर्ट ने ‘घाती’ सरकार को आड़े हाथों लिया। इस दौरान सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल ने अब तक की जांच का ब्योरा कोर्ट को दिया। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि ३५ सालों से एक ही तरीके से केस की डायरी लिखी जा रही है। हाई कोर्ट ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि चार्जशीट फाइल करके केस को भूल मत जाइएगा।
हाई कोर्ट को एजी ने बताया कि स्कूल डिपार्टमेंट ने कई कदम उठाए हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या फरार आरोपी गिरफ्तार हुआ? इस पर एजी ने कहा कि पुलिस टीम उसे ढूंढ रही है। सीडीआर विश्लेषण हुआ है। सीसीटीवी की जांच हुई है। जांचकर्ता ने दूसरी पीड़िता के नाम और पता का जिक्र अपने आवेदन में किया था। कोर्ट ने उसे डिलीट करने को कहा। कोर्ट ने एजी से पूछा कि क्या सभी स्टेटमेंट रेकॉर्ड हुए हैं। इस पर उन्होंने कहा कि जी हां..हम जल्द ही इस मामले में चार्जशीट फाइल करने वाले हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट फाइल करके केस को भूल मत जाइएगा। सब कुछ ऑर्डर में होना चाहिए।
कोर्ट ने कही ये बातें
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ३५ साल से उसी तरीके से आप केस डायरी लिख रहे हैं। स्टेप्स क्या ले रहे हैं आरोपी को पकड़ने के लिए वो मेंशन नहीं है। इस पर एसआईटी चीफ ने कहा कि हम क्राइम ब्रांच की हेल्प ले रहे हैं। अदालत ने कहा कि यहां ओपन कोर्ट में ये सब कुछ मत बताइए, जिससे जांच प्रभावित हो इसीलिए ये सब केस डायरी में मेंशन होना चाहिए, ताकि बात सिर्फ कोर्ट और आईओ के बीच रहे। इस पर एजी ने कहा कि सर ऐसा नहीं है कि कुछ नहीं हुआ है। इस पर जज ने कहा कि तो वो दिखना चाहिए केस डायरी में। वहां वही स्टीरियोटाइप वर्ड्स लिखे हैं। जिस तरह से दूसरे आरोपी को आप लोग ढूंढ रहे हैं, जांच से हम संतुष्ट नहीं हैं। कोर्ट ने एजी से पूछा कि एजी साहब, क्या आपने खुद केस डायरी देखा है, वैâसे लिखा गया है? इस पर एजी ने ‘नहीं’ में जवाब दिया।

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