उमेश गुप्ता / वाराणसी
फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर गिरफ्तारी का भय दिखाकर वाराणसी के सिगरा निवासी शिक्षिका शम्पा रक्षित से 3 करोड़ 55 लाख की धोखाधड़ी करने वाले छह शातिर बदमाशों को सायबर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बुधवार को घटना का खुलासा एक प्रेसवार्ता में डीसीपी क्राइम चंद्रकांत मीणा और एडीसीपी क्राइम टी. सरवणन ने की। उन्होंने बताया कि धोखाधड़ी के पैसों में 13 लाख 63 हजार रुपए नकद बरामद किए गए हैं, जबकि विभिन्न बैंक खाते में जमा लगभग 65 लाख रुपए सीज किए गए हैं।
सायबर क्राइम थाने की पुलिस को डीसीपी ने 25 हजार नकद इनाम देने की घोषणा की है।डीसीपी ने बताया कि आवेदिका शम्पा रक्षित को 8 मार्च अज्ञात मोबाइल नंबर से काल आया। फोनकर्ता ने खुद को टेलिकाम रेगुलेटरी अथारिटी का कर्मचारी बताया। कहा कि आपका फोन अगले दो घण्टे में बंद हो जाएगा। कहा कि अभी आपके पास पुलिस का फोन आएगा। पीड़िता शम्पा के पास तुरंत बाद फोन आया। वह अपने को विनय चौबे, विले पार्ले पुलिस स्टेशन महाराष्ट्र का होना बताकर एक दूसरा मोबाइल नंबर बताते हुए कहा कि आपने घाटकोपर से यह मोबाइल नंबर लिया है और इससे आप अवैध काम कर रही हैं। पीड़िता ने बताया कि यह मोबाइल नंबर उनका नहीं है। जिस पर फर्जी पुलिसकर्मी ने अरेस्ट वारंट होने की धमकी देकर डरवाया और विले पार्ले पुलिस स्टेशन आने की बात कही। जब महिला ने आने से मना किया तो कथित पुलिसकर्मी ने अपने सीनियर से बात करने को बोला। पीड़ित महिला से SKYPE एप डाउनलोड करवाया। डीसीपी ने बताया कि इस गैंग के फर्जी पुलिसकर्मी में दूसरे साथी ने महिला से बात की। गिरफ्तारी का भय दिखाकर घर में रहने और घटना की किसी को जानकारी न देने की बात कही।
डरवाकर महिला से उसका बैंक का पूरा डिटेल ले लिया गया और सारे पैसों को तथाकथित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के खाते में डालने को बताया और आश्वासन दिया कि जांचोंपरांत वादिनी के पैसे वापस आ जाएंगे तथा अरेस्ट नहीं होंगी। जब महिला को एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है तो उन्होंने सायबर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। डीसीपी क्राइम ने खुलासे में बताया कि गिरफ्तारी के लिए गठित टीम में छह आरोपी गिरफ्तार हुए, जिसमें आईसीआईसीआई बैंक लखनऊ का रीजनल हेड सरफराज आलम निवासी कोतवाली नगर फैजाबाद और एचडीएफसी बैंक लखनऊ का कैशियर नुरूलहुदा निवासी कोतवाली नगर फैजाबाद शामिल है। इसके अलावा मोहम्मद तौफिक खान निवासी पिपरा रामचंद्र (अतरौला) बलरामपुर, आरिफ अहमद खान निवासी इंदिरा नगर लखनऊ, सूरत के रहने वाले ओम अश्विन भाई गोयानी और नीरव बटुक भाई गोटी शामिल रहे। बताया कि अभी इनका अपराधिक इतिहास नहीं मिल पाया है। पुलिस कस्टडी रिमांड लेकर अन्य आपराधिक इतिहास के बारे में पता किया जाएगा।