सखाराम बाइंडर
बात है ७० के दशक की। उन दिनों की एक बहुत बड़ी अदाकारा की खूबसूरती और अभिनय के दीवाने कई लोग थे। अपना फिल्मी करियर तो उन्होंने बहुत पहले शुरू कर दिया था, लेकिन ७० का दशक आते-आते वो एक बहुत बड़ी अदाकारा बन चुकी थीं। अक्सर लोग विवाह फिल्म इंडस्ट्री में ही करते हैं, ताकि उन्हें अपने करियर में एक सपोर्ट और अच्छी अंडरस्टैंडिंग मिलती रहे, मगर जो खुद मशहूर और कामयाब हो, वो सपोर्ट नहीं ढूंढ़ता। उसे बस चाहिए होता है एक समझदार और प्यार करनेवाला जीवनसाथी। अब चाहे वह किसी भी इंडस्ट्री का क्यों न हो। ऐसे में उस बहुत बड़ी अदाकारा ने एक आउट ऑफ इंडस्ट्री के आदमी से विवाह कर लिया। पैसों में भी वो बहुत सफल थे। कहते हैं न कि यूं तो हीरा बहुत चमकता और दमकता है, लेकिन उसे अपने साथ रखो तो वो आपकी शोभा बढ़ाता है, परंतु उस हीरे को अगर चाटने की कोशिश करोगे तो वो जहर का भी काम करेगा। कुछ ऐसा ही उस इंसान और उस कामयाब हीरोइन के साथ हुआ। हीरोइन ने उस इंसान से शादी कर ली, जो आउट ऑफ इंडस्ट्री थे। शादी का कुछ समय तो बहुत अच्छे से बीता। सभी बहुत खुश थे कि उनकी शादी इतनी मशहूर और खूबसूरत हीरोइन के साथ हो गई। पहले तो अपने सारे दोस्त, यार, रिश्तेदार और समाज को यही दिखाते रहे और प्रशंसा पाते रहे। बीवी न हुई मानो मेडल हो गया, जिसे छाती पर लगाकर घूमते रहे। लेकिन वो ठहरी मशहूर हीरोइन जिसे देखते ही लोग उसकी तरफ आकर्षित हो जाते और उससे उसका ऑटोग्रॉफ और फोटोग्राफ मांगते। शादी के कुछ समय बाद हीरोइन ने फिल्में साइन करना दोबारा शुरू कर दिया। ज्यादातर वक्त वो शूटिंग पर ही बिताने लगी और यहां इन सबकी इनसिक्योरिटी बढ़ने लगी। बोले तो वे दिन-रात बस यही सोचते रहते कि इतनी बड़ी हीरोइन है, इतनी खूबसूरत है, शूटिंग करती है और कहीं किसी हीरो, डायरेक्टर व प्रोड्यूसर से अफेयर हो गया तो मेरा पत्ता तो कट ही जाएगा। अपनी बीवी को लेकर वो हमेशा चिंता में रहने लगे। यह चिंता आगे चलकर शक में बदल गई। शक और वो भी बेवजह का। हालांकि, वह हीरोइन अपने पति के लिए बहुत वफादार थी। उसे कोई इंटरेस्ट नहीं था बाहर के लोगों में, मगर फिर भी कहते हैं न कि जिस आदमी को खुद पर विश्वास नहीं होता, उसे दुनिया पर विश्वास नहीं होता और शक की दवा तो बड़े-बड़े हकीम-डॉक्टर और वैद्य भी नहीं दे पाए। खैर, ऐसे ही एक हीरो के साथ इस हीरोइन की फिल्म की शूटिंग चल रही थी। वो हीरो भी अपने जमाने का बहुत मशहूर हीरो था। अब हीरोइन के पति को बैठे-बिठाए दिमाग में यह फितूर कुलबुलाने लगा कि मेरी बीवी का चक्कर इस हीरो के साथ है।
अपनी बीवी के स्टाफ यानी मेकअप मैन, ड्राइवर, हेयर ड्रेसर, बॉडीगार्ड सभी से वह खबरें निकालने लगा। उसका शक बढ़ता ही चला गया। पहले तो उसने हीरोइन पर दबाव बनाया कि वो फिल्म को बीच में ही छोड़ दे, मगर हीरोइन ने कहा कि यह बहुत ही गलत होगा। मेरे प्रोड्यूसर के बहुत सारे पैसे लगे हैं। वह बर्बाद हो जाएगा क्योंकि आधी फिल्म बन चुकी है। हीरोइन की बात सुनकर उसके पति ने कहा कि इस हीरो को बदल दो। हीरोइन ने कहा कि यह बहुत ही अनप्रोफेशनल है। हीरो डिसाइड करना प्रोड्यूसर और डायरेक्टर का काम है, मेरा नहीं। अब इस बात को लेकर घर पर रोज लड़ाई-झगड़ा और क्लेश होने लगा। हाथापाई होने लगी। हीरोइन हाथ जोड़कर अपनी बेगुनाही का सबूत देती और बोलती कि तुम्हें भगवान का वास्ता है, मुझ पर शक मत करो। मुझे ऐसी बातों में कोई इंटरेस्ट नहीं है। बेकार का शक करके हमारी खुशियां, हमारा घर-परिवार व हमारी जिंदगी बर्बाद मत करो। मगर हीरोइन के पति का शक दिन-ब-दिन बढ़ता ही चला जा रहा था। हीरोइन के पति ने हीरोइन से कहा कि ठीक है, अगर तुम मुझे यह साबित कर दो कि तुम उस हीरो के साथ अफेयर में नहीं हो तो मैं आज के बाद शक करना और लड़ाई-झगड़ा करना छोड़ दूंगा। हीरोइन ने कहा कि यह साबित करने के लिए मुझे क्या करना होगा। पति बोला कि कल मैं तुम्हारे सेट पर आऊंगा और वहीं बताऊंगा। अगले दिन हीरोइन का पति सेट पर पहुंच गया। सेट पर हीरो भी आया। अब हीरोइन के पति ने हीरोइन से कहा कि मेरे सामने इस हीरो को चांटा मारो। हीरोइन ने कहा कि यह तो कोई बात नहीं हुई। मैं क्यों बेवजह किसी को चांटा मारूंगी। हीरोइन के पति ने कहा कि बेवजह नहीं, यह चांटा सबूत होगा इस बात का कि तुम इस हीरो से अफेयर में नहीं हो। अगर तुम इसे चांटा मारोगी तो मैं मान लूंगा कि तुम्हारा इसके साथ कोई अफेयर नहीं है। भरे सेट पर अपने पति की ऐसी बेतुकी डिमांड से हीरोइन प्रेशर में आ गई। अपना घर-संसार बचाने के लिए अपने चरित्र पर लगे दाग को हटाने के लिए अपने मन को पक्का करके आंख बंद करके हीरोइन ने उस हीरो को एक चांटा रसीद कर दिया। हीरो सन्न रह गया। उसकी समझ में नहीं आया कि आखिर हुआ क्या? यूनिट का मुंह खुला का खुला रह गया कि आखिर यह हुआ तो हुआ क्या और वो हीरोइन सेट छोड़कर चली गई। अब ये उस हीरो की समझदारी थी कि वो हीरोइन की मजबूरी को समझ गया और आगे की शूटिंग करने के लिए तैयार हो गया। जैसे-तैसे करके फिल्म पूरी की गई, मगर उस फिल्म के बाद हीरोइन ने फिल्मों में काम करना लगभग बंद कर दिया। इसीलिए कहते हैं कि दोस्तों शक बहुत बुरी चीज है।