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टीबी अस्पताल में बच्चों के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस…एक सेंटर में सभी प्रकार के टीबी का इलाज

सामना संवाददाता / मुंबई
महानगर में टीबी की बढ़ती बीमारी से उम्र-दराज लोगों के साथ अब छोटे बच्चे भी बड़ी संख्या में ग्रसित होने लगे हैं। ३ से १२ वर्ष की आयु वर्ग के बच्चे भी तेजी से प्रभावित हो रहे हैं, जिसे देखते हुए शिवड़ी के टीबी अस्पताल में बच्चों की टीबी की बीमारी के इलाज के लिए अलग से बाल टीबी चिकित्सा सेंटर बनाया जा रहा है। यहां टीबी के लिए सेंटर फॉर एक्सलीस योजना के तहत यह बनाया जा रहा है। इसके तहत छोटी उम्र के बच्चों की टीबी बीमारी का सक्षमता से इलाज संभव हो सकेगा।
शिवड़ी अस्पताल में पीडियाट्रिक ट्यूबरकुलोसिस यूनिट इस सेंटर पर काम करेगी। यह ३ से १२ आयुवर्ग बीच के टीबी प्रभावित बच्चों को प्रभावी उपचार के लिए बनाया जा रहा है। यह पीडियाट्रिक ट्यूबरक्लोसिस यूनिट एक ही जगह सभी प्रकार के टीबी प्रभावित बच्चों के इलाज के लिए महत्वपूर्ण सुविधा उपलब्ध कराएगी। साथ ही अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को भी सुदृढ़ किया जाएगा। इसके लिए दो विशेषज्ञ चिकित्सा सलाहकार अर्थात ‘एसएमसी पीडियाट्रिक्स’ की नियुक्ति की जाएगी।
यहां ३ से १२ वर्ष की आयु वर्ग के टीबी से प्रभावित बच्चों के इलाज के लिए अस्पताल में अलग से कक्ष बनाए गए हैं। यहां इलाज के दौरान बच्चों के पेरेंट्स को भी रहने की व्यवस्था होगी। अस्पताल में प्रस्तावित इस वार्ड में २० बिस्तर होंगे। इसमें १० बिस्तर दावा प्रतिरोधी बच्चों के लिए होगा। जबकि १० बेड ड्रग सेंसिटिव बच्चों के लिए होगा। भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर इस कक्ष की क्षमता ४० से ५० बेड्स तक बढ़ाई जा सकती है।
क्या है टीबी
टीबी होने पर यह बीमारी उनके फेफड़ों और शरीर के किसी भी अंग को नुकसान पहुंचा सकती है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक से दूसरे व्यक्ति में पैâलती है। आम धारणा यह है कि टीबी की बीमारी केवल अधिक उम्र के लोगों को होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। बच्चों को भी यह बीमारी अपनी चपेट में ले सकती है। देशभर के अस्पतालों में ऐसे केस भी आते हैं, जहां कम उम्र में ही बच्चा टीबी से संक्रमित मिल रहे हैं। ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि बच्चों में कई प्रकार की टीबी होती है और इसके लक्षण व बचाव के तरीके अलग-अलग हैं।

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